जयराम रमेश ने कहा- मणिपुर की भौगोलिक स्थिति बदलने वाले किसी भी शांति समझौते का विरोध करेगी कांग्रेस
By भाषा | Published: November 4, 2019 12:42 PM2019-11-04T12:42:52+5:302019-11-04T12:42:52+5:30
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ केन्द्र सरकार की ओर से नगा शांति वार्ता पर कोई पारदर्शिता नहीं है। मौजूदा नगा शांति वार्ता पर प्रगति की भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।’’
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम नरेश ने नगा शांति वार्ता में पारदर्शिता को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की भौगोलिक स्थिति में बदलाव लाने वाले किसी भी शांति समझौते का कांग्रेस विरोध करगी। नगा शांति वार्ता के मद्देनजर मणिपुर की मौजूदा स्थिति का आकलन करने कांग्रेस का छह सदस्यीय शिष्टमंडल रविवार को यहां पहुंचा और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर लोगों और पार्टी नेताओं की राय जानी।
कांग्रेस भवन में रमेश ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ केन्द्र सरकार की ओर से नगा शांति वार्ता पर कोई पारदर्शिता नहीं है। मौजूदा नगा शांति वार्ता पर प्रगति की भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।’’
उन्होंने कहा कि मणिपुर सहित किसी भी पूर्वोत्तर राज्य की भौगोलिक स्थिति में बदलाव लाने वाले समझौते का कांग्रेस विरोध करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान केन्द्र ने ‘‘ किसी भी राज्य की भौगोलिक स्थिति में बदलाव किए बिना’’ असम, मिजोरम और त्रिपुरा के समझौतों पर हस्ताक्षर किया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ एआईसीसी महासचिव मुकुल वासनिक, पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, सांसद मणिकम टैगोर, एआईसीसी सचिव रंजीत मुखर्जी और मोहम्मद अली खान भी यहां पहुंचे हैं।