कांग्रेस में राहुल गांधी के करीबियों को तोड़ने में ज्योतिरादित्य सिंधिया निभा रहे हैं मुख्य भूमिका, सचिन पायलट पर नजर
By शीलेष शर्मा | Published: June 9, 2021 02:43 PM2021-06-09T14:43:33+5:302021-06-09T15:03:59+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद अब राजस्थान की बारी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मोदी -शाह की जोड़ी कांग्रेस में तोड़ -फोड़ के लिये कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुये ज्योतरादित्य सिंधिया का उपयोग कर रही है।
सूत्रों ने दावा किया कि जितिन प्रसाद के बाद सिंधिया को सचिन पायलट को तोड़ने के काम पर लगाया गया है, ताकि गहलोत सरकार को उत्तर प्रदेश चुनाव से पूर्व गिराया जा सके। जितिन प्रसाद को भाजपा में शामिल कराने की पटकथा बंगाल चुनाव के दौरान लिख ली गयी थी, जब जितिन प्रसाद बंगाल के प्रभारी रहते हुये चुनाव के दौरान भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय से मिले थे।
सूत्रों ने बताया कि इस मुलाक़ात के पीछे भी ज्योतरादित्य सिंधिया की भूमिका थी। राहुल के करीबियों को तोड़ने के काम में जुटे सिंधिया ने राहुल के करीबी राजस्थान के नेता को भी भाजपा में शामिल होने के लिये उकसाया था लेकिन इस नेता ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया तथा इसकी पूरी जानकारी राहुल को दे दी।
कांग्रेस सूत्रों से मिली खबरों में कहा गया है कि सिंधिया के निशाने पर अब सचिन पायलट हैं, जिनसे वह लगातार बात कर रहे हैं, लेकिन विधायकों का गणित पायलट के पास न होने के कारण सिंधिया की तोड़ -फोड़ की योजना लटकी हुयी है। भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों का कहना था कि वसुंधरा सचिन को भाजपा में ला कर अपनी सियासत को कोई खतरा पैदा नहीं करना चाहतीं।