कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद ये साफ कर चुकी है कि लोकसभा में उनके सांसदों की संख्या काफी कम है इसलिए वो नेता विपक्ष की मांग नहीं करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण सरकार की तरफ से हम ऐसी कोई मांग नहीं करेंगे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, 'यह सामान्य व्यवस्था है कि कुल सांसद संख्या में से 10 फीसदी सीटें किसी एक पार्टी के पास होनी चाहिए, उसके बाद ही नेता विपक्ष का दर्जा मिल सकता है। संख्या बल के लिहाज से हमारी सीटें 2 कम हैं। हालांकि, यह बहुत कुछ सरकार पर भी निर्भर करता है कि क्या वह संख्या बल कम होने पर भी किसी एक पार्टी को मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर दर्जा देना चाहते हैं या नहीं।'
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 में 52 सीटें मिली हैं, पिछली लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के सिर्फ 44 सांसद थे, इसलिए पार्टी को नेता विपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाया था। इस बार भी नेता विपक्ष के लिए जरूरी संख्या से कम सांसद होने के कारण कांग्रेस इसका दावा पेश नहीं करेगी।
शनिवार( 1 जून) को कांग्रेस संसदीय पार्टी की दिल्ली में हुई बैठक में सर्वसम्मति से सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी की हार के कारणों पर भी मंथन किए जाने की खबर मिल रही है। माना जा रहा था कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े रहते हैं तो उन्हें लोकसभा का नेता चुना जा सकता है। लेकिन फिलहाल सोनिया गांधी इस पद पर बनी रहेंगी। राहुल गांधी के भविष्य पर संशय बरकरार है।