तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पार्टी नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद केवल एक संगठनात्मक पद नहीं है, बल्कि यह एक वैचारिक पद और एक विश्वास प्रणाली है। जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहता है, उसे याद रखना चाहिए कि वह विचारों के एक समूह, एक विश्वास प्रणाली और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा, "जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहता है, उसे याद रखना चाहिए कि वह विचारों के एक समूह, एक विश्वास प्रणाली और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। आप एक ऐतिहासिक पोजीशन ले रहे हैं जो भारत के एक विशेष दृष्टिकोण को परिभाषित करती है। कांग्रेस अध्यक्ष एक वैचारिक पद है।" राहुल ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी आगे कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा उसे अपना वर्तमान पद छोड़ना होगा।
राहुल गांधी ने आगे कहा, "हमने उदयपुर चिंतन शिविर (एक व्यक्ति, एक पद) में जो फैसला किया था, वह कांग्रेस की प्रतिबद्धता है और मुझे उम्मीद है कि (पार्टी के अध्यक्ष पद पर) प्रतिबद्धता बनी रहेगी।" इस टिप्पणी को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के लिए एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिनके पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की उम्मीद है। सूत्रों ने सुझाव दिया है कि गहलोत अपने सीएम पद को बनाए रखने के इच्छुक हैं।
उन्होंने सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ हालिया कार्रवाई को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। हम एक ऐसी मशीन से लड़ रहे हैं जिसने इस देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा कर लिया है, जिसमें असीमित धन और लोगों को खरीदने, दबाव बनाने और धमकाने की क्षमता है। उसका नतीजा वही है जो आपने गोवा में देखा है।
राहुल ने टेरर फंडिंग के आरोपों को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ चल रहे एनआईए और ईडी के छापे पर भी टिप्पणी की और कहा कि सभी प्रकार की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वे कहीं से भी आए हों। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि इसके प्रति जीरो टॉलरेंस होनी चाहिए।