लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अनुच्छेद 370 को बताया असंवैधानिक, कहा- कश्मीर के विलय के समय नेहरू ने किए थे कुछ वादे
By स्वाति सिंह | Published: August 6, 2019 11:53 AM2019-08-06T11:53:16+5:302019-08-06T12:02:57+5:30
राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी।
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान लोकसभा में मौजूद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरूने कश्मीर को बहरत का अभिन्न अंग बनाया था।
उन्होंने कहा 'साल 1947 में आजादी के बाद तीन राज्यों जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ के विलय के दौरान संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हुई। लेकिन जम्मू-कश्मीर की स्थिति इन दोनों राज्यों से अलग थी।'
उन्होंने कहा 'भारत ने जम्मू-कश्मीर के विलय के वक्त कुछ वादे किए थे। इसलिए उस दौरान जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष संविधान की संरचना हुई थी।' मनीष तिवारी ने कहा 'जम्मू-कश्मीर के महाराजा ने घुटने टेकने और पाकिस्तान के साथ जाने की जगह धर्म निरपेक्ष भारत को चुना था।' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा से चर्चा किए बिना राज्य की सरहदों में बदलाव की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से संबंधित संकल्प और विधेयक पेश किया गया। कांग्रेस ने सदन के अपने सभी सदस्यों को व्हिप जारी कर उपस्थित रहने को कहा था। गौरतलब है कि सरकार मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक पेश किया है। इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी।