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सेंगोल को लेकर कांग्रेस ने उठाए थे सवाल, भड़के अमित शाह ने पूछा- कांग्रेस को भारतीय संस्कृति से इतनी नफरत क्यों है?

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 26, 2023 14:09 IST

गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के उस दावे पर पलटवार किया है जिसमें कहा गया है कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि सेंगोल द्वारा अंग्रेजों से भारत को सत्ता का हस्तांतरण हुआ हो। शाह ने पूछा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है?

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ठळक मुद्देगृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के दावे पर पलटवार कियासेंगोल को लेकर जयराम नरेश ने उठाए थे सवालकहा था- सेंगोल के सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक होने के दस्तावेजी प्रमाण नहीं

नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के उस दावे पर पलटवार किया है जिसमें कहा गया है कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘राजदंड’ (सेंगोल) को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा था कि सेंगोल को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इसके जवाब में अमित शाह ने दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में शाह ने लिखा,  "अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है। एक पवित्र शैव मठ, थिरुवदुथुराई अधीनम ने खुद भारत की आजादी के वक्त सेंगोल के महत्व के बारे में बताया था। कांग्रेस अधीनम के इतिहास को झूठा बता रही है! कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।"

दूसरे ट्वीट में अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ ने पंडित नेहरू को एक पवित्र सेंगोल दिया था, लेकिन इसे 'चलने की छड़ी' समझकर एक संग्रहालय में भेज दिया गया था।"

बता दें कि कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी वाह-वाह करने वाले लोग इस रस्मी ‘राजदण्ड’ को तमिलनाडु में राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पवित्र ‘राजदंड’ को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई ‘सोने की छड़ी’ कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की। चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले इस ऐतिहासिक ‘राजदंड’ को 28 मई को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को जब संसद की नई इमारत का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान तमिलनाडु से आए विद्वान पीएम मोदी को 'सेंगोल' सौपेंगे। सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक भी माना जाता है। इसके बारे में अमित शाह ने बताया था कि 14 अगस्त 1947 में जब भारत की सत्ता का हस्तांतरण हुआ, तो वो इसी सेंगोल द्वारा हुआ था। एक तरह कहा जाए तो सेंगोल भारत की आजादी का प्रतीक है।

टॅग्स :अमित शाहसंसदकांग्रेसJairam Rameshतमिलनाडु
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