यूपी की नई डिजिटल मीडिया नीति पर भड़की कांग्रेस! तत्काल वापस लेने की मांग की

By राजेंद्र कुमार | Updated: August 28, 2024 17:03 IST2024-08-28T17:02:26+5:302024-08-28T17:03:28+5:30

प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है सूबे की योगी सरकार डिजिटल मीडिया पर कब्जा करना चाहती है. जिसके चलते ही प्रदेश सरकार अपने प्रशंसकों को पुरस्कार देने और सरकार के कार्यों पर सवाल करने वालों को कारावास भेजने वाली डिजिटल मीडिया नीति ला रही हैं.

Congress furious over UP's new digital media policy demanded immediate withdrawal | यूपी की नई डिजिटल मीडिया नीति पर भड़की कांग्रेस! तत्काल वापस लेने की मांग की

कैबिनेट में योगी सरकार ने इस नीति को मंजूरी दी थी

Highlightsयूपी की नई डिजिटल मीडिया नीति पर भड़की कांग्रेस!योगी सरकार डिजिटल मीडिया पर कब्जा करने पर आमादा : कांग्रेसप्रशंसकों को पुरस्कार निंदकों को कारावास वाली नीति वापस हो : कांग्रेस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई डिजिटल मीडिया नीति 2024 विवादों में घिर गई हैं. गत मंगलवार को हुई कैबिनेट में योगी सरकार ने इस नीति को मंजूरी दी थी. बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने इस नीति को तत्काल वापस लेने की मांग कर दी है. प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है सूबे की योगी सरकार डिजिटल मीडिया पर कब्जा करना चाहती है. जिसके चलते ही प्रदेश सरकार अपने प्रशंसकों को पुरस्कार देने और सरकार के कार्यों पर सवाल करने वालों को कारावास भेजने वाली डिजिटल मीडिया नीति ला रही हैं. कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने यूपी की डिजिटल मीडिया नीति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है.

कांग्रेस का आरोप :

अखिलेश प्रताप का यह भी कहना है कि योगी सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए जो नई नीति लेकर आई है. इसके मुताबिक सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने वाले को महीने के 8 लाख रुपए तक मिल सकते हैं और इनका विरोध करने वालों को सजा भी भुगतना पड़ सकता है. इस नीति के चलते योगी सरकार डिजिटल मीडिया पर कब्जा करने की फिराक में है. सरकार अब बिना किसी डर या संकोच सरेआम मीडिया को गोद लेने पर उतारू हो गई है. यह नीति लोकतंत्र के लिए खतरा है और योगी सरकार की तानाशाही का नया प्रयोग है. इस नीति को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए अन्यथा जल्दी कांग्रेस इस नीति के खिलाफ आंदोलन करेगी. कांग्रेस के प्रवक्ता नेता पवन खेड़ा ने इस नीति को लेकर सवाल पूछा है कि क्या योगी सरकार और भाजपा की नीतियों के विरोध में की गई टिप्पणी देश विरोधी मानी जाएगी? आपत्तिजनक टिप्पणी की क्या परिभाषा है? क्या अब योगी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने की तैयारी कर रही हैं? इंडिया गठबंधन के विरोध के कारण मोदी सरकार को ब्रॉडकास्ट बिल, 2024 वापस लेना पड़ा. क्या अब उत्तर प्रदेश में डिजिटल मीडिया नीति 2024 के चोर दरवाजे से तानाशाही लाई जा रही है?’

क्या है यूपी सरकार की डिजिटल मीडिया नीति?

यूपी की योगी सरकार का कहना है कि विकास की जन कल्याणकारी योजनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाने के लिए डिजिटल मीडिया नीति 2024 तैयार की गई है. इस नीति के तहत फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर राज्य सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों को पोस्ट किए जाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. इस नीति में फेसबुक और इंस्टाग्राम के फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर को चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिसके तहत उन्हें हर माह 5 लाख, चार लाख, तीन लाख और दो लाख रुपए दिए जाएंगे. जबकि यूट्यूब वीडियो और पॉडकास्ट के लिए 8 लाख रुपए, 6 लाख रुपए और 4 लाख रुपए देना निर्धारित किया गया. सरकार का दावा है कि इस नीति के जरिए देश-विदेश में रह रहे प्रदेशवासियों को रोजगार मिल सकेगा. यह दावा करते हुए सरकार ने कहा है कि फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किए जाने की स्थिति में संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र और अश्लील नहीं होना चाहिए. सरकार के इसी दावे के चलते कांग्रेस ने इस नीति को वापस लेने की मांग ही है.

Web Title: Congress furious over UP's new digital media policy demanded immediate withdrawal

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