मंहगाई के मुद्दे पर कांग्रेस का उत्तराखंड विस से बहिर्गमन
By भाषा | Published: March 2, 2021 07:40 PM2021-03-02T19:40:26+5:302021-03-02T19:40:26+5:30
गैरसैंण (उत्तराखंड), दो मार्च विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस समेत जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों के कारण हो रही मंहगाई के मुद्दे पर राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया।
बजट सत्र के दूसरे दिन मंहगाई का मुद्दा उठाते हुए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के साथ अन्य जरूरी वस्तुओं के लगातार बढ़ते दामों के कारण इससे गरीब आदमी का चूल्हा भी जलना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण निजी क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की नौकरी चली गई है जिसके कारण उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
इंदिरा ने कहा कि एक ओर मंहगाई बढ़ रही है और दूसरी ओर राहत के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कर्मचारियों को मंहगाई की मार से राहत देने के लिए समय—समय पर मंहगाई भत्ता दिया जाता था लेकिन अब वह भी बंद है।
उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश तथा नेपाल की तुलना में हमारे देश में तेल की कीमतें बढ़ी हुई हैं।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को मंहगाई का जवाब 2022 के विधानसभा चुनावों में सरकार को मिलेगा। अन्य कांग्रेस सदस्यों, गोविन्द सिंह कुंजवाल, करण माहरा, ममता राकेश आदि ने भी इस मुद्दे पर मिलते—जुलते विचार रखे।
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने इस मुद्दे का जवाब देते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में हमारे राज्य में मंहगाई कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर मंहगाई को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।
मंत्री ने कहा कि सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन वितरण की विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं तथा अति गरीब, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोक भी हुई। बाद में मंत्री के बयान से नाखुश कांग्रेसी सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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