कांग्रेस की शर्त- शिव सेना पहले भाजपा से तोड़े नाता, फिर होगी कोई चर्चा: सूत्र
By शीलेष शर्मा | Published: November 6, 2019 04:35 AM2019-11-06T04:35:54+5:302019-11-06T04:35:54+5:30
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान मराठा छत्रप शरद पवार और कांग्रेस के राज्य के नेताओं को साफ कर चुका है कि जब तक शिव सेना पूरी तरह भाजपा से अपना नाता नहीं तोड़ लेती तब तक सरकार के गठन पर कांग्रेस कोई अंतिम निर्णय नहीं लेगी.
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच चल रहे उठापटक के खेल में कांग्रेस ‘देखो और इंतजार करों’ की नीति अपना रही है. इसकी पुष्टि महाराष्ट्र के प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने लोकमत से बातचीत के दौरान की.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान मराठा छत्रप शरद पवार और कांग्रेस के राज्य के नेताओं को साफ कर चुका है कि जब तक शिव सेना पूरी तरह भाजपा से अपना नाता नहीं तोड़ लेती तब तक सरकार के गठन पर कांग्रेस कोई अंतिम निर्णय नहीं लेगी.
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कल शरद पवार और सोनियागांधी के बीच हुई बातचीत के दौरान भी जब विभिन्न विकल्पों पर चर्चा चल रही थी उसमें भी सोनिया गांधी ने यह मुददा उठाया और साफ किया कि अभी भाजपा और शिव सेना के बीच रिश्ते टूटे नहीं है जब तक रिश्ते पूरी तरह नहीं टूट जाते तब तक कांग्रेस-राकांपा को अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहिए.
सोनिया गांधी के इस परामर्श शरद पवार पूरी तरह सहमत थे जिसके कारण दोनों नेताअों के बीच एक ओर बैठक करने का निर्णय किया गया जिसका खुलासा स्वयं शरद पवार ने संवाददाता सम्मेलन में किया, कांगें्रस राज्य में गैर भाजपा सरकार बनाने के पक्ष में तो हैलेकिन यह तभी संभव है जब शिव सेना भाजपा से रिश्ता तोड़ लें और कांग्रेस -राकांपा के प्रस्ताव को स्वीकार कर ले यह प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की तर्ज पर है जिसकी मांग शिव सेना भाजपा से कर रही है कि ढाई-ढाई वर्ष दोनों दल बांट कर सरकार चलाए और कांग्रेस बाहर से समर्थन करें.
शरद पवार इसी दायरे में मुंबई में नेताओं से चर्चा करने के बाद जब दिल्ली लौटेगें उसके बाद ही साफ होगा कि राज्य में नई सरकार के गठन का स्वरुप क्या होता है.