ये हैं कांग्रेस के 'चाणक्य' जो राहुल गांधी के साथ परछाई की तरह रहते हैं!
By विकास कुमार | Published: January 14, 2019 01:58 PM2019-01-14T13:58:02+5:302019-01-14T14:03:29+5:30
सैम पित्रोदा की विज्ञान में जबरदस्त रूचि है. सौ से भी अधिक पेटेंट उनके नाम है. उन्हें भारत में सूचना क्रांति का अग्रदूत माना जाता है. 1992 में वो संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार भी रह चुके हैं.
भारतीय राजनीति में चाणक्य की भूमिका हमेशा से ही प्रासंगिक रही है. भाजपा के चाणक्य अमित शाह हैं जिन्हें देश में मोदी राज स्थापित करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा श्रेय दिया जाता है. लेकिन एक चाणक्य कांग्रेस में भी हैं जो पर्दे के पीछे रह कर सारी रणनीतियां तय करते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी को नरेन्द्र मोदी की तर्ज पर विकसित करने का जिम्मा इस बार खुद कांग्रेस के चाणक्य सैम पित्रोदा ने उठाया है.
डेटा पॉलिटिक्स में महारथ हासिल
राहुल गांधी कई देशों में आज कल राजनीतिक भ्रमण पर निकले हैं, जहां भारतवंशियों की संख्या अच्छी खासी है. इस दौरे का आर्किटेक्ट खुद सैम पित्रोदा हैं जो अमेरिका के नागरिक भी हैं. प्रधानमंत्री पर निशाना साधना हो या सरकार की कौन सी योजनाएं फ्लॉप हो रही हैं, डाटा पॉलिटिक्स की राजनीति में सैम पित्रोदा को महारथ हासिल है. कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम और हाल ही में स्थापित डेटा सेंटर को पित्रोदा के दिमाग का ही उपज बताया जाता है.
आविष्कारक सैम पित्रोदा
सैम पित्रोदा की विज्ञान में जबरदस्त रूचि है. सौ से भी अधिक पेटेंट उनके नाम है. उन्हें भारत में सूचना क्रांति का अग्रदूत माना जाता है. 1992 में वो संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार भी रह चुके हैं. राजीव गांधी से उनकी गहरी दोस्ती थी और उन्हें ही सैम को भारत लाने का श्रेय दिया जाता है. पित्रोदा राजीव गांधी के कॉलेज के दिनों से दोस्त थे. सैम पित्रोदा और राजीव गांधी की जोड़ी को भारत में कंप्यूटर क्रांति का जनक माना जाता है. पित्रोदा की छवि एक अविष्कारक और कारोबारी की रही है.
सैम पित्रोदा की टीम राहुल गांधी के राजनीतिक मुद्दों को तय करते हैं. हाल के दिनों में जिस तरह से राहुल गांधी राफेल मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर दिख रहे हैं उसके पीछे भी पित्रोदा की टीम ही है. सैम पित्रोदा राहुल गांधी के लिए एक राजनीतिक सलाहकार से बहुत ज्यादा हैं. जिस तरह नरेन्द्र मोदी के लिए अमित शाह हैं उसी तरह राहुल गांधी के लिए सैम पित्रोदा हैं.
राहुल गांधी पूरे देश में घूमकर कांग्रेस की नीतियां और उससे ज्यादा जब वो खुद प्रधानमंत्री बनेंगे तो तमाम मुद्दों पर उनका क्या सोचना है, इसको लेकर वो अपने भावी सरकार की रूपरेखा लोगों के सामने रख रहे हैं. और ख़ास कर उस व्यापारी वर्ग में जिसे नोटबंदी और जीएसटी से पहले मोदी सरकार का समर्थक माना जाता रहा है. लेकिन दूसरी तरफ अनिल अंबानी पर निशाना साधना भी उनके प्लान का हिस्सा है. अनिल अंबानी को नरेन्द्र मोदी के समर्थक के रूप में देखा जाता रहा है.
अपने नेतृत्व का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन किए बिना आज कल मान्यता मिलती नहीं है. इसी अभ्यास के तहत राहुल गांधी ने पिछले कुछ महीनो में अमेरिका से लेकर मध्य-पूर्व तक दौरा करते हुए नजर आ रहे हैं. नरेन्द्र मोदी की फॉरेन लॉबी बहुत ही मजबूत मानी जाती है और इसका एक बड़ा कारण गुजरात के कारोबारी हैं जो अमेरिका और ब्रिटेन में ठीक-ठाक दबदबा रखते हैं. लेकिन सैम पित्रोदा की लॉबी भी अमेरिका में बहुत मजबूत मानी जाती है जिसके कारण नरेन्द्र मोदी को भारत के साथ विदेश में भी काउंटर किया जा सके. परसेप्शन की राजनीति में अमेरिका और लंदन का साथ महत्त्वपूर्ण हो जाता है.