नई दिल्लीः असम में भूमिहीनों में वितरित की जाने वाली जमीन पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और उनके परिवार द्वारा किए जा रहे कब्ज़े को लेकर भाजपा की मोदी सरकार तथा असम सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है।
दस्तावेज़ी सबूत बताते हैं की भूमिहीनों को दी जाने वाली ज़मीन का हस्तांतरण भूमि आवंटन की तारीख से 10 साल तक किसी अन्य व्यक्ति अथवा किसी अन्य इकाई को हस्तांतरित नहीं की जा सकती थी लेकिन हेमंत बिस्वा सरमा ने अपने रसूख का उपयोग कर आवंटन के तुरंत बाद आर बी एस रेलटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम ट्रांसफर करा ली।
प्राप्त ख़बरों के अनुसार यह सिलसिला 2006 से जारी है और सैकड़ों एकड़ जमीन इस दौरान हथिया ली गयी। मामले के तूल पकड़ते ही कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुये एस आई टी जाँच की मांग कर डाली।
पार्टी के महासचिव जितेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि भूमिहीनों की ज़मीन हथिया कर मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा सरकारी मशीनरी का उपयोग कर उसका विकास करा रहे हैं ताकि ऊँची कीमत पर उस ज़मीन को बेचा जा सके। पार्टी के नेता रिपुन वोरा ,सांसद गौरव गोगोई और जितेंद्र सिंह ने इस जमीन घोटाले से जुड़े दस्तावेज़ तथा पूरा ब्यौरा कि कब, कहां और कितनी ज़मीन पर कब्ज़ा किया गया है।