सीएम ममता और प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर किया हमला, रणदीप सुरजेवाला और के सी वेणुगोपाल ने टीएमसी प्रमुख पर किया हमला

By शीलेष शर्मा | Updated: December 2, 2021 21:05 IST2021-12-02T21:04:34+5:302021-12-02T21:05:38+5:30

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीतिक अवसरवादिता और सिद्धांतों की लड़ाई में अंतर होता है। तीन-चार बार-बार आप भाजपा के साथ जाओ और फिर दो-तीन बार कांग्रेस के साथ वापस आओ, इसके बाद सिद्धांतों का पाठ पढ़ाओ, यह अनुचित है।

Congress and TMC CM Mamata Banerjee and Prashant Kishor attack Rahul Gandhi Randeep Surjewala path of fascist ideology | सीएम ममता और प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर किया हमला, रणदीप सुरजेवाला और के सी वेणुगोपाल ने टीएमसी प्रमुख पर किया हमला

गत 20 अगस्त को ममता जी ने कहा था कि भाजपा को हराने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ आना चाहिए। लेकिन यह उस वक्त नहीं होगा जब आप भाजपा की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद के लिए खड़े हो जाओ। यह तब होगा जब सब एकजुट होंगे।

Highlightsममता जी वही कर रही हैं जो पीएम मोदी जी कर रहे हैं।मोदी जी भी विधायक एवं पार्टियां तोड़ते हैं, ममता जी भी वही कर रही हैं।कहीं ममता फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर तो नहीं चल गईं हैं?

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राकांपा नेता शरद  पवार से मुंबई में मुलाक़ात के बाद कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर हमला किया उससे कांग्रेस तिलमिला गयी है।अब तक ममता को लेकर खामोश रहने वाली कांग्रेस ममता, टीएमसी और ममता के सिपहसालारों पर सीधा हमला करने का फैसला किया है। 

इस फैसले के बाद ममता के हमले का जवाब देते हुए पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि जो लोग कांग्रेस को अलग कर भाजपा से लड़ने की बात कर रहे हैं उनको ज़मीनी हक़ीक़त का अंदाज़ नहीं है। उन्होंने पूछा कि यह क्षेत्रीय दल अकेले देश भर में भाजपा से लड़ सकते हैं। उनका साफ़ कहना था कि बिना कांग्रेस के कोई लड़ाई भाजपा से संभव ही नहीं है। 

इधर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तो ममता के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया यह कहते हुये कि जो भाजपा से लड़ने की बात कर रहे हैं वह ज़मीन पर है कहां ,उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी अकेले मोर्चा संभाल रहीं है ,तृणमूल कांग्रेस कहां है। केंद्र में सत्ता में आने का सपना देखने वाले यह भूल गये हैं कि बिना कांग्रेस की मदद के गैर भाजपा कोई दल सत्ता की गद्दी पर नहीं बैठ सकता।

अधीर रंजन चौधरी ने तो ममता पर पागलपन होने का भी आरोप लगा दिया और पूछा ममता को क्या नहीं पता कि यूपीए क्या है ,बंगाल पूरा देश भारत नहीं है। अधीर ने यह आरोप भी लगाया कि ममता मोदी की मदद करने के लिये कांग्रेस को कमज़ोर करने में लगीं हैं। अपने भतीजे को ईडी से बचाने के लिये वह मोदी -शाह के इशारे पर काम कर रहीं हैं। 

राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टिप्पणी की हम चाहते हैं विपक्ष एकजुट रहे ,कांग्रेस को अलग कर भाजपा से नहीं लड़ा जा सकता है। हमने टीएमसी को हर कोशिश में शामिल करने का प्रयास किया लेकिन टीएमसी अलग रही ,इसका साफ़ मतलब है कि वह एक मज़बूत विपक्ष नहीं चाहती।

कपिल सिब्बल जो कांग्रेस के अंदर तीखे तेवरों से नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं ने भी ममता पर हमला बोला और कहा बिना कांग्रेस के कोई मोर्चा ठीक वैसा ही है जैसे आत्मा के बिना शरीर ,कांग्रेस को अलग कर ऐसे संघटन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

 कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि तीन-चार बार भाजपा के साथ हाथ मिलाने वाली ममता की ओर से सिद्धांतों का पाठ पढ़ाया जाना अनुचित है और अब तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों को तय करना होगा कि उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ना है या फिर कांग्रेस के खिलाफ?

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ममता बनर्जी पर ‘प्रधानमंत्री मोदी की तरह विधायकों एवं पार्टियों की तोड़फोड़ करने’ का आरोप लगाया और सवाल किया कि कहीं वह फासीवादी विचारधारा के रास्ते पर तो नहीं चल पड़ी हैं? गौरतलब है कि बुधवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि राजनीति के लिए लगातार प्रयास आवश्यक हैं। राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘आप ज्यादातर समय विदेश में नहीं रह सकते हैं।’’

यह पूछने पर कि क्या वह चाहती हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार संप्रग के अध्यक्ष बनें, इस पर ममता बनर्जी ने कहा था, ‘‘अब कोई संप्रग नहीं है।’’ सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि जब ममता संप्रग में नहीं है तो फिर वह इस गठबंधन के बारे में बात क्यों कर रही हैं? उन्होंने कहा, ‘‘ममता जी का हम सम्मान करते हैं। लेकिन यह वही ममता जी हैं जो 1999 में भाजपा और राजग के साथ चली गई थीं और वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बन गई थीं।

2001 में उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा पसंद नहीं है और फिर कांग्रेस के साथ आ गईं और मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा। 2003 में कांग्रेस फिर से नापसंद हो गई और वह भाजपा के साथ चली गईं और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में खनन मंत्री बनीं।

उस वक्त ममता ने कहा कि भाजपा हमारी स्वाभाविक साझेदार है।’’ उनके मुताबिक, ‘‘ममता 2004 का लोकसभा चुनाव फिर से भाजपा के साथ मिलकर लड़ीं। 2008 में उन्हें भाजपा फिर नापंसद हो गई और वह कांग्रेस के साथ आ गईं और संप्रग सरकार में मंत्री बन गईं। 2012 में संप्रग फिर नापंसद हो गईं और वह अलग हो गईं।’’

Web Title: Congress and TMC CM Mamata Banerjee and Prashant Kishor attack Rahul Gandhi Randeep Surjewala path of fascist ideology

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