तिरुवनंतपुरम, चार नवंबर केरल सरकार की ओर पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले कर में कटौती किए जाने की संभावना से इनकार किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी कांग्रेस की अगुवाई वाले मोर्चे यूडीएफ और भाजपा ने राज्य की माकपा नीत एलडीएफ सरकार पर निशाना साधा है।
राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने संवाददाताओं से बातचीत में बृहस्पतिवार को यह स्पष्ट किया कि केरल सरकार केंद्र की तरह पेट्रोलियम उत्पादों पर कर में कटौती नहीं कर सकती क्योंकि वह भारी वित्तीय दबाव का सामना कर रही है।
उन्होंने केंद्र की ओर से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी किए जाने को ‘चेहरा बचाने कवायद’ मात्र करार दिया।
बालगोपाल ने कोविड प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे वित्तीय पैकेज तथा सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में छह प्रतिशत की वृद्धि किए जाने का भी उल्लेख किया और कहा कि ईंधन पर कर में किसी तरह की कटौती से ऐसे कल्याणकारी कदमों पर असर पड़ सकता है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि केंद्र के स्तर से भी उत्पाद शुल्क में मामूली कटौती गई है तथा केंद्र एवं केरल सरकार दोनों ‘टैक्स टेररिज्म’ की गतिविधि को अंजाम दे रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत यूडीएफ का इरादा सरकारी खजाने को खाली करने का नहीं है, बल्कि सिर्फ आम जनता राहत को दिलाने का है।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि अगर राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर कर में ठीकठाक कटौती नहीं की जाती तो उनकी पार्टी की ओर से किया जा रहा विरोध प्रदर्शन नहीं थमेगा तथा आगे वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुवाई वाली सरकार ‘असंवेदनशील और जनविरोधी’ है जो ईंधन पर कर में कटौती से इनकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क में अच्छीखासी कटौती की है, लेकिन केरल की सरकार अहंकारी रुख दिखाते हुए कुछ भी कटौती नहीं कर रही है।
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