RBI से 1.76 लाख करोड़ लेने को कांग्रेस ने बताया आर्थिक आपातकाल, श्वेत पत्र की उठाई मांग

By शीलेष शर्मा | Published: August 28, 2019 06:04 AM2019-08-28T06:04:34+5:302019-08-28T06:04:34+5:30

राहुल ने ट्वीट किया ‘‘प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री इसको लेकर बेखबर है कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गयी आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए.’’

Congress and BJP spar over RBI's decision to transfer Rs 1.76 lakh crore to government | RBI से 1.76 लाख करोड़ लेने को कांग्रेस ने बताया आर्थिक आपातकाल, श्वेत पत्र की उठाई मांग

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Highlightsरिजर्व बैंक की जमापूंजी से 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को दिये जाने के फैसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया है.  राहुल गांधी से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं ने आज इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि जो धनराशि आपात स्थिति के लिए आरबीआई के पास थी उसे इस सरकार ने दबाव बनाकर आर्थिक क्षेत्र में की गयी गलतियों की भरपाई के लिए लिया है.

रिजर्व बैंक की जमापूंजी से 1.76 लाख करोड़ रुपये सरकार को दिये जाने के फैसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया है.  राहुल गांधी से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं ने आज इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि जो धनराशि आपात स्थिति के लिए आरबीआई के पास थी उसे इस सरकार ने दबाव बनाकर आर्थिक क्षेत्र में की गयी गलतियों की भरपाई के लिए लिया है.

राहुल ने ट्वीट किया ‘‘प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री इसको लेकर बेखबर है कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गयी आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए.’’ राहुल यही खामोश नहीं हुए उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, ‘‘आरबीआई से चोरी करने से काम नहीं चलने वाला है, यह किसी दवाखाने से एक बेन्डेड चुराकर गोली लगने से हुए घाव पर लगाने  जैसा है.’’

राहुल के इस ट्वीट के बाद रणदीप सुरजेवाला, आनंद शर्मा सहित तमाम बड़े नेता इस बहस में कूद पड़े. आनंद शर्मा का सीधा आरोप था कि देश की आर्थिक व्यवस्था गहरे आर्थिक संकट से घिर चुकी है जिससे ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार इस तरह की कोशिशें कर रही है. उन्होंने पार्टी की ओर से मांग की कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करे. 

आर्थिक मामलों पर अक्सर पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया देने वाले पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदबरम के सीबीआई की हिरासत में होने के कारण यह मोर्चा आनंद शर्मा ने संभाला. 

उन्होंने कहा कि जीडीपी निरंतर गिर रही है, देश में बेरोजगारी 20 फीसदी से उपर पहुंच गयी है, रुपये का अवमूल्यन हो रहा है, छोटे मंझोले उद्योग बारी-बारी से बंद होते जा रहे है इसकी बिना कोई परवाह किये मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से पैसे लेने का निर्णय लेकर देश के सामने एक नया खतरा पैदा कर दिया है. यह दुनिया में अपने किस्म का एक मात्र उदाहरण है जहां कोई सरकार अपनी आर्थिक गलतियों को सुधारने के लिए केंद्रीय बैंक की जमापूंजी में सैंध लगाने का काम कर रही हो. 

पार्टी प्रवक्ता ने अर्थशास्त्रियों के नाम गिनाते हुए कहा कि सरकार लंबे समय से इस कोशिश में जुटी थी लेकिन आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और उर्जित पटेल ने इसका विरोध किया. उर्जित पटेल ने तो इस्तीफा तक दे दिया. उनका सीधा आरोप था कि सरकार की बंदइंतजामी  के कारण आज देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. 

उन्होंने याद दिलाया कि जब पूरी दुनिया गहरे आर्थिक संक़ट में थी उस समय मामूली रकम रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष से ली गयी थी. लेकिन इस सरकार ने तो बैंक से भारी रकम लेकर उसके खजाने को ही खाली कर दिया है. हैरानी की बात तो यह है कि इस गंभीर संकट के बावजूद सरकार मौन बैठी हुई है. 

मीडिया प्रभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर हमला करते हुए खुलासा किया कि यह महज़ इत्तेफाक़ है कि सरकार ने आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ की जो रकम ली है यह वही रकम है जो बजट पेश करते समय उसके आंकलन में गायब थी. 

उन्होंने इसे वित्तीय आत्महत्या की संज्ञा देते हुए साफ किया कि सरकार जिस विमल जालान समिति की सिफारिशों की बात कर रही है दरअसल उस सिफारिश में पांच साल में टुकड़ों में कुछ-कुछ रकम आरबीआई के खजाने से सरकार को देने की बात कही थी लेकिन इस सरकार ने तो एक ही झटके में आरबीआई के आपात फंड को खाली कर दिया. 

Web Title: Congress and BJP spar over RBI's decision to transfer Rs 1.76 lakh crore to government

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