कुत्ते के काटने पर हर दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये मुआवजा देना होगा - उच्च न्यायालय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 15, 2023 04:48 PM2023-11-15T16:48:09+5:302023-11-15T16:49:19+5:30

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि आवारा जानवरों से जुड़ी घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है और कुत्ते के काटने के मामले में वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।

Compensation of Rs 10,000 will have to be paid for every tooth mark due to dog bite High Court | कुत्ते के काटने पर हर दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये मुआवजा देना होगा - उच्च न्यायालय

(फाइल फोटो)

Highlightsपंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया आदेशकुत्ते के काटने पर हर दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये मुआवजा देना होगाकहा- पीड़ितों को मुआवजा देना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है

चंडीगढ़:  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि आवारा जानवरों से जुड़ी घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है और कुत्ते के काटने के मामले में वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।

न्यायमूर्ति विनोद एस. भारद्वाज की पीठ ने आवारा जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में घायल और मृतकों के परिवार के सदस्यों को मुआवजे देने से संबंधित 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने जानवरों (आवारा, जंगली या पालतू) के कारण होने वाली किसी भी घटना या दुर्घटना के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा पालन किए जाने वाले दिशानिर्देश भी जारी किए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, "आवारा या जंगली जानवर के कारण दुर्घटना के बारे में जानकारी प्राप्त होने पर एसएचओ (थाना प्रभारी) को बिना किसी अनुचित देरी के एक डीडीआर (दैनिक डायरी रिपोर्ट) दर्ज करनी होगी। पुलिस अधिकारी किए गए दावे को सत्यापित करेगा तथा गवाहों के बयान दर्ज करेगा और घटनास्थल का विवरण तैयार करेगा। उपरोक्त रिपोर्ट की एक प्रति वादी को दी जाए।"

पीठ ने पंजाब और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों को इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने का भी आदेश दिया। अदालत ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को आवारा मवेशियों या जानवरों (गाय, सांड़, बैल, गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस आदि) के कारण होने वाली किसी घटना के संबंध में दावे के लिए भुगतान की जाने वाली मुआवजा राशि निर्धारित करने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में समितियों का गठन करने के निर्देश भी जारी किए।

अदालत ने कहा, "आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा दायर किए जाने के चार महीने की अवधि के भीतर समितियों द्वारा मुआवजा तय किया जाएगा।" आदेश में कहा गया है, "राज्य प्राथमिक रूप से मुआवजे का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा और उसे राज्य की दोषी एजेंसियों या निजी व्यक्ति (यदि कोई हो) से इसकी वसूली करने का अधिकार होगा।"

(इनपुट- भाषा)
 

Web Title: Compensation of Rs 10,000 will have to be paid for every tooth mark due to dog bite High Court

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