लाइव न्यूज़ :

हिन्दी भाषा विवाद: रजनीकांत ने कहा, हिन्दी को थोपा नहीं जाना चाहिए, दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिन्दी लागू नहीं करेगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 18, 2019 13:15 IST

रजनीकांत ने कहा, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा। हिंदी ही नहीं, कोई भी भाषा लागू नहीं होनी चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देडीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी 20 सितंबर को पूरे तमिलनाडु में हिन्दी भाषा को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन करेगी।, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा-रजनीकांत

हिन्दी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट को लेकर राजनीति जारी है। अभिनेता से नेता बने रजनीकांत ने कहा है कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रजनीकांत ने कहा, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा। हिंदी ही नहीं, कोई भी भाषा लागू नहीं होनी चाहिए। देश की एकता और प्रगति के लिए एक कॉमन भाषा जरूरी, लेकिन एक भाषा के लिए मजबूर करना स्वीकार्य नहीं है।

डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी 20 सितंबर को पूरे तमिलनाडु में हिन्दी भाषा को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन करेगी।

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने केंद्र पर “हिंदी को मनमाने तरीके से थोपने” का आरोप लगाया और ऐसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विरोध को आगे ले जाने के लिए विपक्षी दलों में एकजुटता होने की जरूरत को रेखांकित किया। 

एमडीएमके पार्टी के एक कार्यक्रम में स्टालिन ने यहां कहा कि रेलवे और डाक विभाग की प्रतियोगी परीक्षाओं में तमिल को दरकिनार कर दिया गया। 

हिंदी को आम संपर्क की भाषा बनाने की गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बाद द्रमुक प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि यह नजरिया राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ था और मांग की कि इसे वापस लिया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा, “हमें हमारे अधिकार पाने के लिए हर दिन विरोध प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करने के लिए मजबूर किया गया है।” 

किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को विविधता में एकता के वादे को नहीं तोड़ना चाहिए-कमल हासन

मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक व दिग्ग्ज अभिनेता कमल हासन ने हिंदी को ‘‘थोपने’’ के किसी भी प्रयास का विरोध करते हुए सोमवार को कहा कि यह दशकों पहले देश से किया गया एक वादा था, जिसे ‘‘किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए।’’

उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘‘विविधता में एकता का एक वादा है जिसे हमने तब किया था जब हमने भारत को एक गणतंत्र बनाया था। अब, उस वादे को किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी मातृभाषा हमेशा तमिल रहेगी।’’

‘‘शाह या सुल्तान या सम्राट’’ टिप्पणी में स्पष्ट रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर इशारा किया गया है। गौरतलब है कि शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा था कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।

टॅग्स :हिन्दी दिवसतमिलनाडुडीएमके
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टपति से अलग होकर महिला छात्रावास में रह रही थी पत्नी, मिलने के बहाने से हॉस्टल गया और कहासुनी के बाद दरांती से काटा, शव के साथ सेल्फी ले व्हाट्सएप स्टेटस पर डाला, वीडियो

भारतचक्रवात दित्वा को लेकर हाई अलर्ट, इन 4 राज्यों में तेज बारिश और भूस्खलन का खतरा; भयंकर तबाही की संभावना

कारोबार16 लाख सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लाभ, 58 प्रतिशत महंगाई भत्ते?, प्रति वर्ष 1,829 करोड़ रुपये का भार

भारतKarur stampede: नेताओं को इंटरनेट के माध्यम से सभाएं करने की जरूरत

भारततमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026ः डीएमके को वोट देना भाजपा को वोट देना, टीवीके प्रमुख विजय ने कहा-"द्रमुक परिवार" के साथ गुप्त सहमति

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत