Collegium System: सरकार कॉलेजियम की तुलना में अधिक अपारदर्शी, उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश लोकुर ने कहा- कुछ बदलावों की आवश्यकता और विचार-विमर्श की जरूरत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 7, 2023 13:08 IST2023-11-07T13:07:44+5:302023-11-07T13:08:46+5:30
Collegium System: एनजेएसी अधिनियम और संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम, 2014 से उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका को बड़ी भूमिका प्रदान की गयी थी।

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Collegium System: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर ने कहा कि सरकार कॉलेजियम की तुलना में अधिक अपारदर्शी है तथा उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका की इस अपारदर्शिता को दूर करना होगा।
कॉलेजियम का हिस्सा रह चुके न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) लोकुर ने संवैधानिक अदालतों में न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति की मौजूदा कॉलेजियम व्यवस्था का समर्थन किया लेकिन साथ ही यह माना कि इसमें कुछ बदलाव आवश्यक हैं जिसके लिए विचारविमर्श करने की जरूरत है।
कॉलेजियम प्रणाली से न्यायाधीशों की नियुक्ति अक्सर उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार के बीच टकराव का मुद्दा बन जाती है। पूर्व न्यायाधीश उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर जैसे उच्च न्यायालय के योग्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत न किए जाने के सवाल पर जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बार-बार कहता रहा हूं कि कॉलेजियम प्रणाली न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उपलब्ध सबसे अच्छी पद्धति है लेकिन इसमें कुछ बदलावों की आवश्यकता है। इस पर विचारविमर्श की जरूरत है। एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि सरकार की अपारदर्शिता दूर करनी होगी। सरकार कॉलेजियम की तुलना में अधिक अपारदर्शी है।’’
उच्चतम न्यायालय ने 16 अक्टूबर 2015 को महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम, 2014 हटा दिया था हो 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को हटाने के लिए था। न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) लोकुर उस पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे।
एनजेएसी अधिनियम और संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम, 2014 से उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका को बड़ी भूमिका प्रदान की गयी थी। न्यायाधीश लोकुर को चार जून 2012 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह 30 दिसंबर 2018 को सेवानिवृत्त हुए थे।