उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को उन्हें निलंबित कर दिया।
सरकारी प्रवक्ता ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी। सरकार ने एक महिला से चैट के वायरल वीडियो की गुजरात फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही कृष्ण को निलंबित कर दिया। प्रवक्ता ने बताया कि फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पायी गयी, जिसे कृष्ण ने फर्जी बताया था।
फॉरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो ‘एडिटेड और मार्फ्ड’ नहीं था। उल्लेखनीय है कि कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गयी थी। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फॉरेंसिक लैब को भेजा था। कृष्ण ने संवाददाता सम्मेलन कर खुद ही जानकारी दी थी और शासन को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी थी।
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण कृष्ण निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं । लखनऊ के एडीजी एसएन साबत जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी की ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति जारी है और इसी के तहत वैभव कृष्ण प्रकरण में आरोपों के दायरे में आए सभी पांच आईपीएस अधिकारियों को जिलों से हटाया गया, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। इनकी जगह नए अधिकारियों को तैनाती दी गयी है।
सभी को तत्काल ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है। वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी एवं डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है जबकि दो सदस्य आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और एमडी जल निगम विकास गोठलवाल बनाए गए हैं।
प्रवक्ता के अनुसार एसआईटी को पंद्रह दिनों के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं । रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई कर एक संदेश दिया है । राज्य के इतिहास में पहली बार इस स्तर की कार्रवाई हुई है। इस प्रकरण की जांच में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एसटीएफ भी लगाई गई है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने भी पुलिस बल में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को लिखे गए कथित गोपनीय पत्र को लीक किए जाने को लेकर कृष्ण से स्पष्टीकरण मांगा है ।
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के पुलिस एएसपी वैभव कृष्ण के अश्लील वीडियो वायरल होने के मामला तूल पकड़ते जा रहा है। नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के समर्थन में ट्विटर पर हैशटैग #IsupportSSPNoida ट्रेंड भी हुआ। इस पूरे मामले पर आज (23 जनवरी) को उत्तर प्रदेश डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जांच मेरठ आईजी रेंज को सौंपी है। एसएसपी वैभव कृष्ण का दावा है कि साजिश के तहत उनकी अश्लील वीडियो वायरल की गई है। इस मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने गाजियाबाद एसएसपी सुधीर सिंह सहित 5 आईपीएस पर आरोप लगाए हैं। आरोप लगने के बाद आईपीएस लॉबी में हलचल हो गई है। नोएडा सेक्टर-20 में मानहानि, साजिश और आईटी ऐक्ट सहित 4 धाराओं में केस दर्ज करवाया है।
एसएसपी समेत 5 आईपीएस अधिकारी पर वैभव कृष्ण ने लगाए गंभीर आरोप
एसएसपी गाजियाबाद सुधीर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए उच्चाधिकारियों से बात करने की बात कही है। वहीं वैभव कृष्ण का कहना है कि उनकी ओर से तैयार एक रिपोर्ट के चलते यह साजिश रची गई है। एसएसपी कृष्णा ने बताया कि उन्हें वायरल वीडियो के बारे में तब पता चला जब उनको किसी ने तस्वीर भेजी।
एएसपी ने बताया, ''मुझे जानकारी मिली कि मेरी तस्वीर का उपयोग कर कुछ वीडियो वायरल किया जा रहा है। मैंने इन वीडियो को देखा और समझ गया कि यह मेरी छवि को धूमिल करने के लिए एक बड़ी साजिश रची जा रही है। हमने हाल ही में गौतमबुद्ध नगर से जुड़े कुछ संवेदनशील मामलों की जांच पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है और कुछ अन्य जिलों की रिपोर्ट भी नवंबर में यूपी के सीएम कार्यालय को सौंपी है। पुलिस ने कई आपराधिक सांठगांठ का भी पर्दाफाश किया है जो नोएडा में सक्रिय थे। यह उसकी का नतीजा हो सकता है।''
वैभव कृष्ण ने कहा है कि पड़ोसी जिले के एसएसपी समेत 5 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। इनमें से दो अधिकारी एसएसपी हैं, जबकि 3 एसपी हैं। इसके अलावा एक एएसपी रैंक का अधिकारी, एक पीसीएस और 4 इंस्पेक्टरों के भी नाम हैं।