CM उद्धव ठाकरे ने किया NRC का विरोध, कहा-जंगल-पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी कहां से लाएंगे जन्म का सबूत?

By स्वाति सिंह | Published: February 5, 2020 09:17 AM2020-02-05T09:17:54+5:302020-02-05T09:25:15+5:30

उद्धव ने सीएए का समर्थन करते हुए कि सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं है। इसका कारण यह है कि यहां से किसी को भी घर से बाहर निकालना सीएए के अंतर्गत नहीं आता है।

CM Uddhav Thackeray, BJP and our views separately, use of religion, grabbing power is not my Hindutva | CM उद्धव ठाकरे ने किया NRC का विरोध, कहा-जंगल-पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी कहां से लाएंगे जन्म का सबूत?

उद्धव ने सीएए का समर्थन करते हुए कि सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं है।

Highlightsउद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधाउद्धव ने कहा कि बीजेपी और हमारे हमारे विचार एक जैसे नहीं हैं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उद्धव ने कहा कि बीजेपी और हमारे हमारे विचार एक जैसे नहीं हैं, धर्म का इस्तेमाल करना और सत्ता हथियाना मेरा हिंदुत्व नहीं है। उन्होंने कहा 'मैं ऐसा हिंदूराष्ट्र बिल्कुल नहीं चाहता जहां शांति न हो। शिवसेना का मुख्यपत्र 'सामना' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ठाकरे ने कहा कि वे (बीजेपी) हमेशा कहते हैं कि हिंदू राष्ट्र होना चाहिए, लेकिन लोग एक दूसरे को मार रहे हैं और देश में अशांति का माहौल है। ये उनका हिंदुत्व नहीं है। यह वह नहीं है जो सिखाया गया है।'

साथ ही उन्होंने एनआरसी का विरोध करते हुए कहा 'मैंने एनआरसी का विरोध करता हूँ तो मैं राष्ट्रद्रोही और अगर आपने समर्थन दिया मतलब आप देशभक्त। एनआरसी के लिए आपको नागरिकता को प्रमाणित करना होगा आपके भी मां-बाप या परिवार को कष्ट उठाना पड़ेगा। वहीं, आदिवासियों का क्या होगा? जंगल और पहाड़ों में रहनेवाले आदिवासी कहां से जन्म का सबूत लाएंगे?'

उद्धव ने सीएए का समर्थन करते हुए कि इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसकी बड़ी वजह ये है कि यहां से किसी को भी घर से बाहर निकालना नहीं है। सीएए का मतलब पड़ोसी देशों से जो पीड़ित अल्पसंख्यक हैं , जो हिन्दू हैं, उन्हें अफने देश में समाहित करने के लिए है। लेकिन केंद्र को जिम्मेदारी स्वीकार करके जो बाहर से आनेवाले हैं, उनके घर की समस्या हल करनी चाहिए।

इससे पहले मंगलवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की तुलना ‘‘सफेद हाथी’’ से करते हुए मंगलवार को कहा कि वह इस पर निर्णय तभी लेंगे जब उन्हें विश्वास हो जाएगा कि इससे राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार के दूसरे हिस्से में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को केन्द्र कोष से उसका ‘‘ सही हिस्सा ’’ नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों की मदद की जा सकती है। 

शिवसेना प्रमुख ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित किसान कर्ज माफी की योजना अगले महीने से लागू होगी। उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि एक भी उद्योग राज्य से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। केन्द्र की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि इसकी व्यवहार्यता पर एक व्यापक चर्चा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ बुलेट ट्रेन से किसको फायदा होगा? महाराष्ट्र में व्यापार एवं उद्योग को इससे कैसे फायदा मिलेगा? अगर यह लाभदायक है, मुझे इसका विश्वास दिलाएं और फिर लोगों के समक्ष जाएं और निर्णय लें कि क्या करना है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ बुलेट ट्रेन भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना हो सकती है लेकिन जब आप नींद से जागते हैं तो पता चलता है कि यह कोई सपना नहीं है। आपको हकीकत का सामना करना होता है।’’ ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए विकासात्मक परियोजनाओं की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए। गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने के लिए भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 2022 की समय सीमा तय की है। 

Web Title: CM Uddhav Thackeray, BJP and our views separately, use of religion, grabbing power is not my Hindutva

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे