कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तकरार एकबार फिर से सामने आई है। सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया। ममता ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है। ममता बनर्जी का कहना है कि वे माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर राज्यपाल के ट्वीट्स से परेशान हैं। राज्यपाल धनखड़ ने एक दिन पहले कहा था कि राज्य 'लोकतंत्र के लिए गैस चेंबर बन गया है।
इस मुद्दे पर सीएम ममता ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुझे ट्विटर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ब्लॉक करने के लिए मजबूर किया गया है। हर दिन वह सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने और धमकी देने वाले ट्वीट जारी कर रहे थे जैसे कि हम उनके बंधुआ मजदूर हैं।"
उधर सीएम ममता बनर्जी के इस कदम पर राज्यपाल धनखड़ ने ट्विटर पर ममता सरकार को संविधान के अनुच्छेद 167 का हवाला देते हुए पूछा है कि राज्यपाल को ब्लॉक क्यों किया गया है? ट्विटर पर उन्होंने लिखा अनुच्छेद 167 के तहत यह मुख्यमंत्री का संवैधानिक "कर्तव्य" है कि वह राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित ऐसी जानकारी प्रस्तुत करे जो राज्यपाल मांगे। अब राज्यपाल को सूचना देने के लिए दो सालों के लिए ब्लॉक क्यों किया?
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ममता ने पेगासस मामले में कहा कि फोन बेतरतीब ढंग से टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "राजभवन से पेगासस किया जा रहा है,। एक रिपोर्ट के अनुसार, बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल, जो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता के सबसे तीखे आलोचक रहे हैं, "मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को धमकी दे रहे हैं"।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार पत्र लिखकर धनखड़ को हटाने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि राज्यपाल के साथ बनर्जी के मतभेद पहले भी सामने आ चुके हैं। दोनों ने पहले भी कई मंचों पर एक-दूसरे की आलोचना की है।