महाराष्ट्र में चढ़े सियासी पारे के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लिया ये बड़ा फैसला, आज ही संभाला है कार्यभार
By रामदीप मिश्रा | Published: November 25, 2019 06:33 PM2019-11-25T18:33:13+5:302019-11-25T18:33:13+5:30
महाराष्ट्र में बीजेपी ने शनिवार सुबह सरकार बनाई और देवेंद्र फड़नवीस आज सीएम कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया है।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्पी देवेंद्र फड़नवीस ने सोमवार (25 नवंबर) को एक बड़ा फैसला लिया है और उन्होंने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत दी है। बता दें, इस समय प्रदेश में बागी हुए अजित पवार की मदद से अचानक बनी सरकार के चलते सियासी सरगर्मियां तेज हैं और शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस दावा कर रही है की बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और हमारे पास बहुमत है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विवटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए महाराष्ट्र आकस्मिकता निधि से 5380 करोड़ रुपये मंजूरी दे दी है।
बता दें कि बीते दिन रविवार को बारिश से प्रभावित किसानों को अतिरिक्त सहायता और सहायता के लिए विभिन्न उपायों पर बैठक की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार शामिल थे।
CM @Dev_Fadnavis sanctions another ₹5380 crore from Maharashtra Contingency Fund to give relief to unseasonal rain affected farmers. https://t.co/qLmtN2x2f1
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 25, 2019
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने शनिवार सुबह ऐसे समय में सरकार बनाई जब कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार के गठन को लेकर अंतिम चरण में चर्चा हो रही थी। बीजेपी के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने दूसरी बार शपथ ली। वहीं, अजित पवार ने राज्य के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार का एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। बीजेपी के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है। यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।
गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं। बीजेपी और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पास पहुंची।