नई दिल्ली: सोमवार, 6 फरवरी 2023 को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पांच जजों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। इन पांच न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 34 है और अब पांच न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है। जिन पांच न्यायाधीशों को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शपथ दिलाई उनमें से जस्टिस पंकज मित्थल वरिष्ठता में पहले नंबर पर हैं।
वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर जस्टिस संजय करोल शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से पहले पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे। जस्टिस पीवी संजय कुमार तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में साल 2008 में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह इससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ वाले पांचवे न्यायाधीश जस्टिस मनोज मिश्र वरिष्ठता क्रम में पांचवें स्थान पर हैं। 21 नवंबर, 2011 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज बनाया गया था। 6 अगस्त, 2013 को वह स्थायी जज बने थे।
बता दें कि जजों की नियुक्ति को लेकर पिछले कुछ समय से न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। टकराव की स्थिति तब बनी जब राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) गठित करने के लिए संसद से पहल हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम को रद्द कर दिया था। हाल के दिनों में कानून मंत्री ने भी कॉलिजियम सिस्टम के विरोध में खुल कर बोला है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति भी जताई थी।
इन सबके बीच सर्वोच्च न्यायालय में पांच नए जजों की नियुक्ति के बाद न्याय प्रक्रिया में भी तेजी आने की उम्मीद है।