नागरिकता कानून: केरल के कॉलेज में SFI और ABVP के बीच हुई हिंसक झड़प, देखें वीडियो
By स्वाति सिंह | Updated: December 18, 2019 16:57 IST2019-12-18T16:57:50+5:302019-12-18T16:57:50+5:30
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एसएफआई के स्टूडेंट्स एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पिटाई कर रहे हैं। इस घटना के विरोध में एबीवीपी ने बुधवार को हड़ताल बुलाई भी थी।

वीडियो एबीवीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है।
नागरिकता संसोधन कानून को लेकर पूरे देश के अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसकी लौ दक्षिण से लेकर केरल तक पहुंच चुकी है। इसी बीच सोमवार (16 दिसंबर) को केरल के त्रिशूर स्थित श्री केरल वर्मा कॉलेज में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्या परिषद (एबीवीपी) छात्र इकाई के सदस्यों के बीच झड़प हो गई।
इसके बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एसएफआई के स्टूडेंट्स एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पिटाई कर रहे हैं। इस घटना के विरोध में एबीवीपी ने बुधवार को हड़ताल बुलाई भी थी। इस दौरान एबीवीपी के छात्रों ने भी एसएफआई के 4 छात्रों की पिटाई कर दी।
इस घटना का वीडियो एबीवीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है। इसके साथ ही दावा किया है कि वे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली अफवाहों को दूर करने और स्टूडेंट्स को इसके बारे में समझाने गए थे, लेकिन एसएफआइ के सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की।
जिसके बाद इस घटना के विरोध में एबीवीपी ने आज कैंपस में हड़ताल बुलाई थी। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भी 4 एसएफआई कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की।
#WATCH Kerala: Students' Federation of India (SFI) workers thrash an ABVP worker at Sree Kerala Varma College, Thrissur. ABVP had called for a strike on campus today following an altercation with SFI on Dec 16. ABVP had also allegedly thrashed 4 SFI workers earlier today. pic.twitter.com/N7onEK8Qkt
— ANI (@ANI) December 18, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संशोधित नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता का परीक्षण करने का निश्चय किया लेकिन उसने इस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कांग्रेस के नेता जयराम रमेश और आईयूएमएल की याचिकाओं सहित 59 याचिकाओं पर केन्द्र को नोटिस जारी किया । पीठ इस मामले में अब अगले साल 22 जनवरी को सुनवाई करेगी।