‘गोवलकर के विचारों से लड़कर ही पिता की विरासत को आगे ले जा सकते हैं चिराग‘, तेजस्वी बोले-सहयोगियों का फायदा उठाकर छोड़ देती है भाजपा

By अभिषेक पारीक | Updated: June 27, 2021 22:29 IST2021-06-27T22:26:32+5:302021-06-27T22:29:26+5:30

तेजस्वी यादव ने कहा कि वह अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई से जुड़कर ही आगे ले जा सकते हैं।

Chirag paswan can take the fathers legacy forward only by fighting with Gowalkar's thoughts says Tejashwi | ‘गोवलकर के विचारों से लड़कर ही पिता की विरासत को आगे ले जा सकते हैं चिराग‘, तेजस्वी बोले-सहयोगियों का फायदा उठाकर छोड़ देती है भाजपा

तेजस्वी यादव। (फाइल फोटो )

Highlightsतेजस्वी ने कहा,  चिराग पिता की विरासत को गोलवलकर के विचारों से लड़कर ही आगे ले जा सकते हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पुराने सहयोगियों का फायदा उठाकर भाजपा उन्हें छोड़ देती है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी का उधार के जनादेश पर रहने का इतिहास रहा है।

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान के भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ संबंधों में तनाव के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को उनसे विपक्ष के साथ आने का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई से जुड़कर ही आगे ले जा सकते हैं। चिराग लोजपा की कमान के लिए अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ झगड़े को लेकर भाजपा की चुप्पी पर अपनी निराशा सार्वजनिक कर चुके हैं। इस पर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि अपने पुराने सहयोगियों का फायदा उठाकर सत्ता में आने के बाद भाजपा ने उनमें से ज्यादतर को छोड़ दिया। 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता यादव ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा रामविलास पासवान के साथ खड़ी रही है और उन्होंने उस वक्त को याद किया जब लोजपा के पास एक भी विधायक नहीं था और पासवान 2009 में चुनाव हार गए थे तो लालू प्रसाद ने ही उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से राज्यसभा भेजा था। उन्होंने पूछा कि क्या देश में किसी ने अन्य नेता या पार्टी के लिए कभी इतना कुछ किया या बलिदान दिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी ने देश में किसी नेता या पार्टी के लिए इतना कुछ किया है या बलिदान दिया है। 

यादव ने कहा, 'हमारी पार्टी ने दलित मसीहा रामविलास जी के राज्य को दिए योगदान को देखते हुए उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है, मुझे लगता है कि यह अपने आप में सब बयां करने वाला है।' अहम बात यह है कि चिराग ने भी अपने पिता और पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर पांच जुलाई से बिहार के हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करने की भी घोषणा की है। चिराग से राजग छोड़ने के पिछले हफ्ते किए अपने अनुरोध के बारे में पूछने पर यादव (31) ने कहा कि देश ऐसे मोड़ पर है, जहां संविधान समर्थक, लोकतंत्र समर्थक, किसान समर्थक और जन समर्थक ताकतें एक तरफ हैं और इस विचारधारा के विरोधी दूसरी तरफ हैं। 

उन्होंने कहा, 'दिवंगत राम विलास जी समाजवादी थे और उनका आजीवन सामाजिक न्याय के विचार में गहरा विश्वास रहा। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर के दौरान जाति वर्चस्ववाद, गरीबी और गैर बराबरी के विरूद्ध लड़ाई लड़ी। उन्हें असली श्रद्धांजलि उनके मूल्यों और विरासत को आगे ले जाकर ही होगी और यह तभी संभव है जब चिराग जी गोलवलकर के ‘बंच ऑफ थौट’ (पुस्तक) के खिलाफ अस्तित्व की इस लड़ाई जुड़ जाएं।'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर इशारा करने वाली चिराग की इस टिप्पणी पर कि जब ‘हनुमान’ की हत्या की जा रही हो तो ‘राम’ के लिए चुप बैठना सही नहीं है, इस पर बिहार के पूर्व उपमख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा दलों और नेताओं को 'चांद' लाकर देने का वादा करके उन्हें 'झांसे' में लेती है लेकिन जब उनकी 'व्यवस्था' को लगता है कि अब वे उनके किसी काम के नहीं रहे, तो वे उन्हें ऐसे निकालती है जैसे कि दूध में से मक्खी निकाल कर फेंकी जाती है।

लोजपा के चिराग और उनके चाचा पारस के धड़ों के बीच राजनीतिक लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर राजद नेता ने चिराग का समर्थन किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिन्होंने इस विभाजन को अंजाम दिया वे चिराग पासवान के प्रति प्रतिशोध की भावना से ग्रसित हैं क्योंकि वह पिछले विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ लड़े थे। 

यादव ने कहा, 'दिवंगत रामविलास जी ने चिराग जी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में संसदीय दल का नेता नियुक्त करके उन्हें अपना वारिस बनाया था और अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह अपने पिता की विरासत को कैसे आगे लेकर जाते हैं।'

उन्होंने कहा कि जो उन पर अब सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया जब उन्हें लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उनका इशारा पारस की ओर था। चिराग के लोजपा में उथल-पुथल के लिए जनता दल(यूनाइटेड) को जिम्मेदार ठहराने पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि चिराग ने अपने पत्रों से यह स्पष्ट किया है कि इसकी साजिश रची गयी और ‘‘दोषियों को हर कोई जानता है।' 

मुख्यमंत्री के खिलाफ बोला हमला

यादव ने मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, 'जिन्होंने 2005 और 2010 में पार्टी (लोजपा) को तोड़ने का काम किया, उन्होंने ही नापाक तरीके से यह योजना बनायी। नीतीश जी का उधार के जनादेश पर रहने का इतिहास रहा है और उन्होंने हमेशा उधार के खिलाड़ियों की मदद से अपना खेल खेला है। नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा और हर किसी को धोखा दिया है।' उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने किसी को भी नहीं बख्शा और सभी के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा , 'नीतीश जी सिद्धांतों एवं विचारधारा को बंधक रखकर येनकेन-प्रकारेण सत्ता हथियाने की नीति पर चलते हैं।'

लोजपा में मचा है घमासान

पिछले सप्ताह यादव ने यह कहते हुए चिराग से संपर्क साधने का प्रयास किया था कि लोजपा नेता को राजग में बने रहने पर पुनर्विचार करना चाहिए। चिराग के स्थान पर उनके चाचा को लोजपा के छह में से पांच सासंदों द्वारा लोकसभा में पार्टी का नेता चुन लिये जाने के बाद पार्टी में घमासान मचा है। चिराग के धड़े ने पांचों सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जबकि विरोधी धड़े ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया है। 


 

Web Title: Chirag paswan can take the fathers legacy forward only by fighting with Gowalkar's thoughts says Tejashwi

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