चिनपिंग कहते हैं कि उनकी नजर जम्मू-कश्मीर पर है, तो पीएम मोदी क्यों नहीं कहते, हमारी नजर हांगकांग में लोकतंत्र पर हैंः कांग्रेस
By भाषा | Published: October 10, 2019 04:04 PM2019-10-10T16:04:15+5:302019-10-10T16:04:15+5:30
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्विटर पर कहा, “शी चिनपिंग कहते हैं कि उनकी नजर जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री मोदी या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता कि भारत हांगकांग में लोकतंत्र को लेकर जारी प्रदर्शन का मुंह बंद किया जाना देख रहा है।
चीनी राष्ट्रपति के दौरे से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को सवाल किया कि शी चिनपिंग जब यह कहते हैं कि उनकी नजर कश्मीर पर है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह क्यों नहीं कहते कि भारत भी हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का गला घोंटा जाना देख रहा है।
कांग्रेस ने चीन द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को लक्ष्य किये जाने से रोकने में विफल रहने पर मोदी सरकार की आलोचना की। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्विटर पर कहा, “शी चिनपिंग कहते हैं कि उनकी नजर जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री मोदी या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता कि भारत हांगकांग में लोकतंत्र को लेकर जारी प्रदर्शन का मुंह बंद किया जाना देख रहा है।
Xi Jingping says he is watching Kashmir but why does @PMOIndia/MEA not say 1)We are watching Pro Democracy protests muzzled in Hong Kong. 2 )We are watching human rights violations in Xinjiang. 3 )We are watching continued oppression in Tibet 4 )We are watching South China Sea
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 10, 2019
हम शिंजियांग में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन, तिब्बत और दक्षिण चीन सागर में चीन के दखल पर नजर बनाए हुए हैं।” उन्होंने कहा कि जब चीन पाक अधिकृत कश्मीर और उसे वापस लेने की बात बार-बार करता है तो भारत चीन से अक्साई चिन के बारे में पूछे जिसे पाकिस्तान ने “अवैध रूप से उसे दे दिया’’ तिवारी ने पूछा कि जिस तरह चीन कश्मीर मुद्दा उठाता रहता है उसी तरह भारत क्यों नहीं शिंजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाता है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “राजग/भाजपा में सभी पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को पाक से वापस लेने के लिये जोर-शोर से बात करते हैं लेकिन उनमें से किसी में भी यह कहने की हिम्मत नहीं है कि हम चीनियों से अक्साई चिन वापस लेंगे जो 1963 में पाकिस्तान द्वारा उसे अवैध रूप से दे दिया गया था। क्या भारत का प्रधानमंत्री कार्यालय शी के समक्ष अक्साई चिन की वापसी का मुद्दा उठाएगा?”