चीन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के खिलाफ मिले नए सबतों से पूरी तरह संतुष्ट था। भारत का नाम लिए बगैर जारी किए गए इस बयान में पाकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने की कोशिशों की तारीफ भी की गयी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को मसूद अजहर को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित किया। इससे पहले चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने पर तकनीकी रोक लगा दी थी जिसकी वजह से उसे वैश्विक आतंकवादी नहीं घोषित किया जा सका था।
जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गयी थी।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक चीन के दौरे पर थे। गोखले ने अपने दौरे में चीन के सामने मसूद अजहर से जुड़े नए सबूत पेश किये थे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने गुरुवार को कहा, "हाल ही में सम्बन्धित देशों ने 1267 कमेटी के सामने नई ताजा सामग्री पेश की...इन दस्तावेज का ध्यानपूर्वक निरिक्षण करने और सम्बन्धित पक्षों की राय जानने के बाद चीन इस नतीजे पर पहुँचा कि उसे प्रस्ताव पर कोई एतराज नहीं है।"
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में भारत या किसी भी देश का नाम नहीं लिया।
चीन ने अपने बयान में पाकिस्तान की तारीफ भी की है। चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने में बहुत ज्यादा योगदान दिया है, जिसका अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पूरा संज्ञान लेना चाहिए। चीन आतंकवादियों और अतिवादियों के खिलाफ जारी पाकिस्तान के प्रयासों को पूरा समर्थन देता रहेगा। "
जैश सरगना मसूद अजहर का इतिहास
मौलाना मसूद अजहर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। मसूद का जन्म पाकिस्तान के बाहावलपुर में 1968 को हुआ था। इसके कुल ग्यारह भाई-बहनों है।
अजहर को सबसे पहले 1994 में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था। 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की स्थापना की।
2001 में भारतीय संसद पर हमला हुआ। इसके पीछे भी जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का ही हाथ था।