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तिब्बत को लेकर चीन ने अमेरिका के आरोपों का किया खंडन, कहा- अमेरिकी प्रतिबंध अवैध हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 12, 2022 19:05 IST

अमेरिका ने तिब्बत में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर दो वरिष्ठ चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जिसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध अवैध हैं और इनकी वजह से चीन-अमेरिका के संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच रहा है ।

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ठळक मुद्देअमेरिका द्वारा लगाए गए मानवाधिकार के उल्लंघन के आरोप को चीन ने सिरे से नकारा चीन विदेश मंत्रालय ने दो वरिष्ठ चीनी अधिकारियों पर अमेरिकी प्रतिबंध को बताया अवैधअमेरिका के प्रतिबंधों के चलते चीन-अमेरिका के संबंधों को पहुंचा नुकसान - चीन विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली:चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि तिब्बत में कथित मानवाधिकारों के हनन को लेकर दो वरिष्ठ चीनी अधिकारियों पर अमेरिकी प्रतिबंध अवैध थे और इस प्रतिबंध से चीन-अमेरिका के संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अमेरिका का यह कदम चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, साथ ही साथ इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों का उल्लंघन भी हुआ है। हम अमेरिका से जल्द से जल्द तथाकथित प्रतिबंधों को वापस लेने का आग्रह करते हैं।'

वांग ने कहा 'संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन-अमेरिका के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है,  उनको हर मोड़ पर दूसरे देशों पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है और वह विश्व पुलिस की भूमिका निभाने के लायक नहीं है।'

दरअसल अमेरिका ने तिब्बत में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर दो वरिष्ठ चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें तिब्बत में चीन के प्रमुख अधिकारी रहे वू यिंगजी और हिमालय क्षेत्र में चीन के पुलिस प्रमुख झांग होंगबो  शामिल हैं।

इन पर यातना और कैदियों की हत्या और जबरन नसबंदी जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप है। वू यिंगजी 2016 से 2021 तक तिब्बत में प्रमुख चीनी अधिकारी थे। 

बता दें प्रतिबंधों के तहत अमेरिका ने दोनों चीनी अधिकारियों के लिए किसी भी अमेरिकी संपत्ति और आपराधिक लेनदेन को रोक दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में चीन के धार्मिक अल्पसंख्यक समूह के सदस्यों की जबरन हिरासत और शारीरिक शोषण को बाधित करना और रोकना है।

वहीं, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने एक बयान में कहा कि वू यिंगजी ने तिब्बत में गंभीर मानवाधिकारों के हनन की नीति लागू की थी, जिसमें असाधारण हत्याएं, शारीरिक शोषण, मनमानी गिरफ्तारी और सामूहिक हिरासत शामिल हैं।

बयान में कहा गया है कि वू के कार्यकाल के दौरान अन्य अपराधों में जबरन नसबंदी, जबरन गर्भपात, धार्मिक और राजनीतिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और कैदियों की यातना शामिल हैं। जबकि झांग तिब्बत क्षेत्र में हिरासत केंद्र चलाकर कैदियों को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने व अन्य गंभीर अपराधों में शामिल हैं।

बता दें, पिछले महीने बाली में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की थी और दोनों नेता बातचीत को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए थे। लेकिन नए प्रतिबंधों की घोषणा अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने के बावजूद की गई है।

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