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सरकार समर्थित चीनी हैकरों ने भारतीय मीडिया और सरकार को निशाना बनाया: रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 23, 2021 15:45 IST

अमेरिका स्थित एक निजी साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने कहा है कि बुधवार को उसे सबूत मिले कि एक भारतीय मीडिया समूह, एक पुलिस विभाग और देश के राष्ट्रीय पहचान डेटाबेस के लिए जिम्मेदार एजेंसी को संभवतया सरकार समर्थित चीनी समूह द्वारा हैक कर लिया गया.

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ठळक मुद्देअपनी रिपोर्ट में इंसिक्ट ग्रुप ने संकेत दिए हैं कि साइबर हमलावर सीमा पर जुड़े तनाव से संबंधित हो सकते हैं.बेनेट कोलमैन समूह, मध्य प्रदेश पुलिस और यूआईडीएआई को हैकिंग के लिए निशाना बनाया गया.

बैंकॉक: अमेरिका स्थित एक निजी साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने कहा है कि बुधवार को उसे सबूत मिले कि एक भारतीय मीडिया समूह बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पुलिस और देश के राष्ट्रीय पहचान डेटाबेस यूआईडीएआई के लिए जिम्मेदार एजेंसी को संभवतया सरकार समर्थित चीनी समूह द्वारा हैक कर लिया गया.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, मैसाचुसेट्स स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप ने कहा कि टैग-28 नाम के हैकिंग ग्रुप ने विन्टी मालवेयर का इस्तेमाल किया है जिसे खास तौर पर चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित समूहों के बीच बांटा गया.

अपनी रिपोर्ट में इंसिक्ट ग्रुप ने संकेत दिए हैं कि साइबर हमलावर सीमा पर जुड़े तनाव से संबंधित हो सकते हैं.

इंसिक्ट ग्रुप का कहना है कि उसने फरवरी और अगस्त के बीच बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड मीडिया कंपनी से जुड़े दो विन्टी सर्वरों को सौंपे गए चार आईपी सर्वरों का पता लगाया है.

बेनेट कोलमैन के सीईओ राजीव बत्रा ने भी स्वीकार किया कि उन्हें साइबर सुरक्षी से जुड़ी सरकारी एजेंसी सीईआरटी-इन ने उन्हें संभावित हैकिंग के बारे में सूचित किया था और उन्होंने उसका जवाब दिया था.

इंसिक्ट ग्रुप ने कहा कि उसने मध्य प्रदेश राज्य के पुलिस विभाग से इसी तरह से स्थानांतरित किए गए लगभग 5 मेगाबाइट डेटा का भी अवलोकन किया, जिसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जून 2020 में भारत के साथ सीमा पर संघर्ष के बाद चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया था.

इसके साथ ही ग्रुप ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के जून और जुलाई में एक समझौते की पहचान की है. उसने नेटवर्क से डाउनलोड किए गए लगभग 10 मेगाबाइट डेटा और लगभग 30 मेगाबाइट अपलोड किए जाने का पता लगाया है.

एक रिपोर्ट में संगठन ने कहा कि अगस्त, 2021 की शुरुआत के रिकॉर्डड फ्यूचर के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 की तुलना में 2021 में पहले से ही भारतीय संगठनों और कंपनियों को लक्षित करने वाले संदिग्ध सरकार प्रायोजित चीनी साइबर ऑपरेशन की संख्या में 261 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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