Video: बिपिन रावत के हाथ में है सेना की कमान, जानें कारगिल युद्ध के 20 साल बात पड़ी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जरूरत
By स्वाति सिंह | Published: December 31, 2019 07:02 PM2019-12-31T19:02:46+5:302019-12-31T19:02:46+5:30
पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है। सीडीएस के तौर पर रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू हुआ है। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को थल सेना प्रमुख का पद संभाला था। 31 दिसंबर को को ही वे रिटायर हुए हैं।
तीनों सेनाओं थल सेना, वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का गठन किया गया है। सीडीएस तीनों सेनाओं का प्रमुख होगा और एक 4 स्टार सैन्य अधिकारी होगा। सीडीएस सैन्य सुरक्षा मामले पर रक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकार होंगे, जिनकी सैलरी तीनों सेना प्रमुख के बराबर ही होगी। साथ सीडीएस पद से रिटायर होने के बाद कोई सरकारी पद नहीं ले सकेगा और पांच साल तक बिना सरकार की इजाजत के प्राइवेट कंपनी या कॉरपोरेट में नौकरी नहीं कर पाएंगे।
सीडीएस पद के ऐलान के बाद से यह भी प्रश्न उठ रहे हैं कि किसी एक व्यक्ति को पूरी सेना की कमान सौंपने से उसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। इसको लेकर सरकार ने पहले ही साफ कर दिया कि सीडीएस सीधे तौर से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के कमांड और यूनिट्स को कंट्रोल नहीं करेगा। बल्कि उसके अंतर्गत सेना के तीनों अंगों के साझा कमांड और डिवीजन होंगे।
सेनाओं के बीच तालमेल बनाने के अलावा सीडीएस तीनों सेनाओं केपरिचालन, लॉजिस्टिक्स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव आदि में संयुक्तता भी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सेनाओं के आधुनिकिकरण में भी सीडीएस की मुख्य भूमिका होगी। सीडीएस की सेनाओं के फाइव ईयर डिफेंस एक्युजेशन प्लान यानि सेनाओं के पांच साल के रक्षा बजट को भी लागू करने में अहम भूमिका होगी। भविष्य में सीडीएस तीनों सेनाओं के साझा 'थियेटर कमांड' बनाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार के रूप में भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ काम करेंगे।
बिपिन रावत हैं देश के पहले चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ
पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है। सीडीएस के तौर पर रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू हुआ है। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को थल सेना प्रमुख का पद संभाला था। 31 दिसंबर को को ही वे रिटायर हुए हैं। सरकार ने सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया है जिसके प्रमुख नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत होंगे।
मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई। आदेश के अनुसार इस नए विभाग के तहत तीनों बलों..सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़े कार्य तथा वर्तमान नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप सेवाओं के लिए विशेष खरीद जैसे कार्य आएंगे। सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे।
कारगिल युद्ध में CDS होता तो नुकसान में होती कमी
1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद जब 2001 में तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) का गठन किया गया था। उनकी समीक्षा में पाया गया कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की कमी रही। अगर तीनों सेनाओं के बीच ठीक से तालमेल होता तो नुकसान को काफी कम किया जा सकता था। उस वक्त सीडीएस पद बनाने का सुझाव दिया गया। तब वाजपेयी सरकार में मंत्रियों के समूह की सिफारिश पर सेना के तीनों अंगों के बीच सहमति न बन पाने के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए तीनों सेनाओं के बीच सही तालमेल के लिए Chiefs of Staff Committee(CoSC) का पद सृजित किया गया। हालंकि, इसके चेयरमैन के पास कोई खास शक्ति नहीं होती, बस वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल करता है। फिलहाल एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयमैन हैं। कुछ समय बाद चीफ ऑफ डिफेंस का स्थाई पद बनाने की फिर मांग उठी। रक्षा मंत्री रहने के दौरान मनोहर पर्रिकर ने भी यह दावा किया था कि दो साल के अंदर सेना में चीफ ऑफ डिफेंस का पद बनेगा। इसके बाद पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2019 पर इसका ऐलान किया।
एयरफोर्स ने तब किया था सीडीएस सिस्टम का विरोध
बताया जाता है कि लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाले (GOM) की सिफारिशों को तत्कालीन कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने स्वीकार कर लिया था। पहले आर्मी और नेवी के अफसरों ने इस पद का तब सपोर्ट किया, मगर एयरफोर्स ने विरोध किया था। राजनीतिक स्तर से भी इस पद को बनाने की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई। उस वक्त एडमिल अरुण प्रकाश और पूर्व ऑर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने सेना के तीनों अंगों में सुधार और इंटीग्रेशन के लिए इस पद सीडीएस की जरूरत बताई थी। लेकिन पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस कृष्णास्वामी ने चीफ ऑफ डिफेंस के पद का विरोध करते हुए इसे गैर-जरूरी बताया था।
भारत के अलावा इन देशों में है CDS पद
भारत के अलावा इटली, फ़्रांस, चीन, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और जापान में पहले से ही सीडीएस का पद है। अलग-अलग देशों में इस पद को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत में इस पोस्ट का सृजन यूनाइटेड किंगडम के पद से प्रेरित होकर किया गया है। इसके बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का सृजन भारतीय रक्षा बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।