नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में राज्य का बजट पेश करने के बाद पहली बार साक्षात्कार दिया। इस दौरान एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि मैं अंतिम सांस तक राजनीति से रिटायरमेंट नहीं लेने वाला हूं और कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा।
निजी समाचार चैनल सीएनबीसी आवाज को दिए साक्षात्कार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा, "चुनाव को वही लीड करता है, जो मुख्यमंत्री होता है। मैं राजनीति में 20-22 साल में आ गया था। एनएसआईयू में काम शुरू किया था। 50 साल से राजनीति कर रहा हूं। इस दौरान कभी भी मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तीन बार मुख्यमंत्री बना तो हाईकमान ने कुछ सोच समझकर ही बनाया होगा।"
इस दौरान अशोक गहलोत ने कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ अपने रिश्ते पर भी खुलकर बात की। गहलोत ने कहा, "चाहे इंदिरा गांधी रहीं हो, या राजीव गांधी या अब सोनिया गांधी, सभी ने मुझे मौका दिया। 2018 में जब मुझे कमान मिली, तो सोनिया गांधी या राहुल-प्रियंका गांधी ने तीसरी बार जब मेरा नाम तय किया होगा तो कुछ सोचकर ही किया होगा। कांग्रेस ने मुझे पहचान दी है। बिना कांग्रेस के हमें कौन पूछेगा। जब तक मेरा हाथ-पैर चलेगा तब तक कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के समय हुए विवाद के बारे में जब गहलोत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब यह अध्याय बंद हो चुका है। बाद में गहलोत ने कहा, "अगर कांग्रेस अध्यक्ष बनता तो मुझे गर्व होता क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष बनना मुख्यमंत्री से कई गुना बड़ा पद होता है।"
बता दें कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए इसी साल मतदान होने हैं। राजस्थान का चुनावी इतिहास कहता है कि यहां जनता हर पांच साल पर सरकार बदल देती है। इस बार सत्ता में दोबारा वापस आने के लिए गहलोत ने बजट में कई लोक लुभावन योजनाएं भी पेश की हैं। हालांकि इस बार राजस्थान चुनाव में आम आदमी पार्टी भी हिस्सा ले रही है इसलिए कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है।