जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुआवजा के सवाल पर फंसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गोपालगंज मामले में दिया गया था मुआवजा

By एस पी सिन्हा | Published: December 17, 2022 06:50 PM2022-12-17T18:50:22+5:302022-12-17T18:54:57+5:30

बिहार में 6 साल पहले गोपालगंज के खजुरबन्नी गांव में जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत के बाद सरकार ने पीड़ित परिवार को 4-4 लाख का मुआवजा दिया था।

Chief Minister Nitish Kumar compensation for deaths due to spurious liquor | जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुआवजा के सवाल पर फंसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गोपालगंज मामले में दिया गया था मुआवजा

जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुआवजा के सवाल पर फंसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गोपालगंज मामले में दिया गया था मुआवजा

Highlightsराज्य में छह साल पहले जहरीली शराब से हुई मौतों पर दिया जा चुका है मुआवजागोपालगंज के खजुरबन्नी गांव में जहरीली शराब हुई 19 मौतों के बाद दिया गया था मुआवजाराज्य सरकार ने पीड़ित परिजनों को दिया था 4-4 लाख रुपये की मुआवजा राशि

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के द्वारा पीड़ित के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की जा रही है। लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ-साफ कहा है कि जो पिएगा वो मरेगा। मुआवजा देने का सवाल कहां उठता है। 

क्या जहरीली शराब कांड से मरे लोगों के परिजनों को नीतीश सरकार मुआवजा नहीं देती है? लेकिन नीतीश कुमार के इस बयान की बाद यह बात खुलकर सामने आई है कि 6 साल पहले गोपालगंज के खजुरबन्नी गांव में जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत के बाद सरकार ने पीड़ित परिवार को 4-4 लाख का मुआवजा दिया था।

ऐसे में विपक्ष द्वारा यह कहा जा रहा है कि इस मामले में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गलतबयानी सामने आ गई है। भाजपा का कहना है कि 2016 के अगस्त माह में बिहार के गोपालगंज जिले के खजूरबन्नी में शराबबंदी के बाद सबसे पहला जहरीली शराब कांड हुआ, जिसमें जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 10 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी। 

नीतीश कुमार की ही सरकार ने इस कांड के बाद मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा दिया था। मरने वाले 19 लोगों में अनिल राम भी थे। जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद सरकार ने इनकी पत्नी अमृता को 4 लाख रू मुआवजा दिया था। 

कुछ समय पहले अनिल राम की पत्नी अमृता कही थी, उस दिन खजूरबानी में उनकी जिन्दगी उजड़ गई। उसको 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया था। मुआवजे की राशि बैंक में फिक्स कर दी गई थी और और फिक्स राशि के बदले प्रत्येक पीड़ित परिवार को बैंक से 9 सौ रूपये प्रति माह की राशि दी जाती है। 

अब सरकारी मुआवजे से मिलने वाले 900 रूपये से ही परिवार का खर्च चल रहा है। लेकिन छपरा में इतनी बड़ी घटना के बाद नीतीश कुमार और उनकी पूरी सरकार ये चीख चीख कर कह रही है कि शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा दिया ही नहीं जा सकता। 

सरकार ने न कभी पहले मुआवजा दिया और न अब देगी। नीतीश कुमार कह रहे हैं-जो पियेगा, वो मरेगा। भाजपा नेताओं ने कहा कि गोपालगंज के खजूरबन्नी जहरीली शराबकांड में मुआवजा देने वाले नीतीश कुमार आज फिर पलटी मार रहे हैं। 

छपरा में मरने वाले सारे लोग बेहद गरीब पिछडे और दलित समाज के लोग हैं। उन घरों का कमाने वाला आदमी चला गया। अब विधवा महिलायें और मासूम बच्चे बचे हैं। अगर सरकार उन्हें मदद नहीं देगी तो वे भूखे मरेंगे।

Web Title: Chief Minister Nitish Kumar compensation for deaths due to spurious liquor

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