पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीमांचल की सीटों के साथ-साथ मधेपुरा और सुपौल सहित कई सीटों पर चुनाव प्रचार करने के लिए इन दिनों मधेपुरा में अपना अस्थायी ठिकाना बना लिया है। यह भी कहा जा सकता है कि लालू का गढ़ माने जाने वाले मधेपुरा में डेरा डालकर इंडी गठबंधन को मात देने के लिए इन सीटों पर अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे। नीतीश कुमार चार दिन मधेपुरा में रहेंगे। आज नीतीश कुमार ने कटिहार और पूर्णिया में चुनावी सभाओं को संबोधित किया।
सीमांचल की अधिकतर लोकसभा की सीटों पर 26 अप्रैल को, जबकि मधेपुरा के साथ सुपौल में तीसरे चरण में मतदान होगा। दूसरे और तीसरे चरण की दस सीटों में सात पर जदयू के सांसद हैं। इसमें भागलपुर से अजय मंडल, बांका से गिरधारी यादव और किशनगंज से मुजाहिद आलम , पूर्णिया से संतोष कुशवाहा, कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां दूसरे चरण में मतदान होगा। साल 2019 के मोदी लहर के बावजूद किशनगंज सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने परचम लहराया था। जबकि मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव, सुपौल से दिलेश्वर कामत और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल पर जदयू ने इस बार फिर दांव खेला है।
तीसरे चरण में मधेपुरा, सुपौल और झंझारपुर जदयू के सांसद है। वहीं, अररिया में भाजपा और खगड़िया में लोजपा के सांसद साल 2019 में विजयी हुए थे। 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण की पांच सीटों पर भाजपा का कोई उम्मीदवार नहीं है। यहां जदयू के प्रत्याशी हैं। नीतीश कुमार ने इसके लिए कमर कस लिया है। वह मधेपुरा में ही रहकर इन सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे।