बिहार दिवस पर बोले सीएम नीतीश कुमार, यहां की धरती ज्ञान और मोक्ष की धरती है
By एस पी सिन्हा | Published: March 22, 2021 06:26 PM2021-03-22T18:26:51+5:302021-03-22T18:28:56+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में जब राज्य में सत्ता की बागडोर संभाली थी तो उन्होंने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने की शुरूआत की थी।
पटना,22 मार्च। बिहार अपनी स्थापनाकाल के 109 वर्ष पूरे कर आज 110वें वर्ष में प्रवेश कर गया। संयुक्त प्रांत(बंगाल) से अलग होकर 22 मार्च सन 1912 को ही स्वतंत्र राज्य के रूप में बिहार अस्तित्व में आया था। पहले बंगाल से अलग होकर नया प्रदेश बनने फिर 1935 में ओडिशा का अलग होना और अखिर में 2000 में झारखंड का अलग हो जाने का दंश झेल चुके बिहार ने बाद के सालों में कई क्षेत्रों में बुलंदियों को भी छुआ है। इतने वर्षों में बिहार में ऐसी कई चीजें हुईं हैं जो देश के लिए नजीर बना है।
बिहार दिवस का मुख्य उद्देश्य राज्य की विशिष्टताओं को पूरे विश्व में प्रचारित और बिहारी होने पर गर्व करना है। इस वर्ष कोरोना के दूसरी लहर की वजह से सोमवार को बिहार दिवस समारोह सांकेतिक रूप से मनाया गया। जन-जीवन-हरियाली थीम पर पटना के ज्ञान भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेसिंग से बिहारवासियों को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार और आगे बढे, हमारा राज्य विकसित हो, इसी मकसद से बिहार दिवस का आयोजन किया जाता है। बिहार की धरती ज्ञान और मोक्ष की धरती है। यहां से ज्ञान का प्रकाश दुनिया भर में फैला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बिहार को उसी गौरवशाली ऊंचाई पर पहुंचाना है। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है।
उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार गीत हर सरकारी कार्यक्रम में शामिल हो इसे सुनिश्चित करें। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार सुबह ट्वीट कर सभी को 'बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। बिहार का इतिहास गौरवशाली है और हम वर्तमान में अपने निश्चय से बिहार का गौरवशाली भविष्य तैयार कर रहे हैं। विकसित बिहार के सपने में भागीदारी के लिए मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। जय हिंद-जय बिहार।' मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा चीज है, जिससे हमारे राज्य का विकास होगा।
लड़कियों की शिक्षा को लेकर बहुत काम किया जा रहा है और हम चाहते हैं कि हमारी बेटियां ज्यादा से ज्यादा पढे और आगे बढें। उन्होंने जन स्वास्थ्य पर भी बोलते हुए कहा कि सभी के स्वास्थ्य पर सरकार ध्यान दे रही है। कई अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है। लोगों को लोक सेवा अधिकार के तहत सर्टिफिकेट और जानकारी मिल रही है। नीतीश ने अपने संबोधन में जल-जीवन- हरियाली पर जोर देते हुए कहा कि जल बेहद जरुरी है। हमें इसका संरक्षण करना चाहिए क्योंकि जल है तो जीवन है। तीनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी तथा शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।यहां उल्लेखनीय है कि शाषण-प्रशासन के कई मामलों से लेकर सामाजिक आंदोलन के क्षेत्र में बिहार देश का रोल माडल बना है। महिलाओं को आगे बढाने की दिशा में पंचायती राज संस्थानों में आधी आबादी को आरक्षण देने तथा सरकारी नौकरियों में उन्हें 33 फीसदी सीटें सुरक्षित करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है।
पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के कार्यकाल में तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री केबी सहाय की अगुवाइ में यह काम धरातल पर उतरा। पिछले डेढ दशकों में राज्य सरकार के कार्यों ने देश-विदेश में बिहार की अलग पहचान दिलाई।