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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्देश, क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने की प्रणाली हो 

By भाषा | Updated: August 19, 2020 05:30 IST

धिकारियों को ऐसी प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में ऐसी कोई भी को-आपेरटिव सोसायटी गरीब जनता को झांसा न दे सके।

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ठळक मुद्देअशोक गहलोत ने मंगलवार ने अधिकारियों से कहा कि क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए कोई पुख्ता प्रणाली बनायी जाए।उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाया जाए।

जयपुरः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार ने अधिकारियों से कहा कि क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए कोई पुख्ता प्रणाली बनायी जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण इकाई लगानेकी योजना का लाभ किसानों को प्राथमिकता के आधार पर दिलाया जाए। 

गहलोत मंगलवार को कृषि, सहकारिता व अन्य विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी बल्कि फसल उत्पादों में मूल्य वर्धन होने से उनकी कीमत भी बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इस योजना के तहत किसानों को कृषि प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर एक करोड़ रूपये तक ऋण मिल सकता है जिस पर राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। 

इसके साथ ही गहलोत ने क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए कोई प्रणाली बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बहु राज्यीय को-आपरेटिव सोसायटी द्वारा आम जनता को निवेश के नाम पर धोखा देकर उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई लूटने की शिकायतें चिंता का विषय हैं। 

उन्होंने अधिकारियों को ऐसी प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में ऐसी कोई भी को-आपेरटिव सोसायटी गरीब जनता को झांसा न दे सके। मुख्यमंत्री ने किसानों को रबी फसल वर्ष 2019-20 के बीमा क्लेम के शीघ्र भुगतान के लिए 250 करोड़ रूपए प्रीमियम कृषक कल्याण कोष से स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि विभिन्न सहकारी संस्थाओं में 1,000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य की क्रय-विक्रय सहकारी समितियों आदि के माध्यम से किसानों को भारत सरकार द्वारा शुरू किए कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का अधिकाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय निगरानी कमेटी गठित करने का भी निर्णय किया है। राजस्थान में इस फण्ड के तहत 9 हजार करोड़ रूपए आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है और नवगठित समिति इसकी क्रियान्विति की नियमित निगरानी करेगी। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी सहकारी भण्डारों के मेडिकल विक्रय केन्द्र आनलाइन होंगे। कृषि व सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2019-2020 में 21.86 लाख कृषकों को 9541 करोड़ रूपये का अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किया है। 

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