पाकुड़, 14 अप्रैल झारखंड के पूर्व मंत्री एवं सांसद स्वर्गीय साइमन मरांडी का अंतिम संस्कार लिट्टीपाड़ा के उनके पैतृक गांव डुमरिया में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूगी में किया गया ।
उनके अंतिम संस्कार हजारों की भीड़ उमड़ी जिसके चलते कोविड-19 निमयों की धज्जियां उड़ गयीं।
ज्ञातव्य है कि कोरोना की हाल की लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में छह अप्रैल को ही फैसला किया था कि अब राज्य में किसी भी मय्यत में सिर्फ पचास लोग और विवाह में अधिकतम दो सौ लोग शामिल हो सकेंगे।
राज्य के पूर्व मंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता साइमन मरांडी की कोलकाता के एक निजी अस्पताल में सोमवार रात्रि मृत्यु हो गयी थी । उनके पार्थिव शरीर पर बुधवार यहां पुष्प अर्पित कर स्वयं मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ अब संथाल परगना में उनकी (साइमन मरांडी की)शेर की सी दहाड़ कभी सुनाई नहीं देगी। वह झामुमो की नींव की पत्थरों में से एक विशेष पत्थर थे।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘साइमन दादा ने अपनी लगन एवं मेहनत से न सिर्फ फर्श से अर्श तक जगह बनायी बल्कि पार्टी एवं उसके मकसद को इस मुकाम तक पहुँचाने में अहम् भूमिका निभाई। उनकी कमी हमेशा खलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने, खासकर मैंने एक अभिभावक व मार्गदर्शक खो दिया है।’’
मौके पर साइमन मरांडी के विधायक पुत्र दिनेश विलियम मरांडी सपरिवार मौजूद थे। साथ ही जिले के तमाम पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में साइमन मरांडी के चाहने वालों का हुजुम मौजूद था।
मरांडी को दफनाने का अंतिम संस्कार उनके विधायक पुत्र दिनेश विलियम मरांडी ने किया।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रविन्द्र नाथ महतो भी बुधवार की सुबह स्वर्गीय साइमन मरांडी के हिरणपुर स्थित आवास पर पहुँचे जहाँ उन्होंने मरांडी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
विधानसभाध्यक्ष ने कहा, ‘‘स्वर्गीय साइमन मरांडी हमारे राजनीतिक गुरू एवं अभिभावक रहे। उनका जाना झारखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जुझारू जीवन हमें सदा प्रेरित करता रहेगा।’’
मुख्य विपक्षी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने साइमन मरांडी को श्रद्धांजलि अर्पित किया लेकिन सरकार को आगाह किया कि वह कोविड समुचित व्यवहार का पालन सिर्फ जनता से ही सुनिश्चित न करवाये बल्कि स्वयं भी ऐसा व्यवहार करना सीखे।
पाठक ने कहा कि जिस प्रकार मरांडी के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कोविड के तय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हजारों लोग शामिल हुए वह शोचनीय है और इससे यह स्पष्ट होता है कि कोविड के लिए तय मान्य नियम वह शर्तें सिर्फ आम लोगों के लिए हैं वह राजनेताओं एवं अधिकारियों के लिए नहीं हैं।
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