यूपी में मुख्यमंत्री और मंत्री हैं बेहद गरीब! साल 1981 से लेकर आज भी भरते हैं सरकारी खजानों से टैक्स   

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 13, 2019 09:13 AM2019-09-13T09:13:47+5:302019-09-13T09:13:47+5:30

दरअसल, यह सिलसिला साल 1981 से शुरू हुआ, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीपी सिंह थे। इसी साल उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेज ऐंड मिसलेनीअस ऐक्ट बनाया गया।

Chief Minister and ministers in UP Taxes are paid from government treasuries since 1981. | यूपी में मुख्यमंत्री और मंत्री हैं बेहद गरीब! साल 1981 से लेकर आज भी भरते हैं सरकारी खजानों से टैक्स   

यूपी में मुख्यमंत्री और मंत्री हैं बेहद गरीब! साल 1981 से लेकर आज भी भरते हैं सरकारी खजानों से टैक्स   

Highlights इस वित्त वर्ष योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों का कुल टैक्स 86 लाख रुपये था जो सरकार की ओर से दिया गया है।  1981 से यूपी में 19 मुख्यमंत्री बदले गए।

उत्तर प्रदेश में अचल संपति और महंगी-महंगी गाड़ियों से चलने वाले मुख्यमंत्री और सभी मंत्री पिछले चार दशक से गरीबी का हवाला देकर सरकारी खजानों से टैक्स भर रह हैं। चार दशक पुराने एक कानून के तहत आज भी अपनी आदमनी से इनकम टैक्स न भरकर सरकारी खजाने से टैक्स भरते हैं। 

दिलचस्प की बात यह है कि अमीर नेताओं का भी टैक्स चुकाने वाला यह राज्य सबसे गरीब प्रदेशों की सूची में है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों से यूपी में योगी सरकार के मंत्री भी सरकारी खजाने से ही टैक्स भर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वित्त वर्ष योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों का कुल टैक्स 86 लाख रुपये था जो सरकार की ओर से दिया गया है। 

रिपोर्ट्स में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (फाइनैंस) संजीव मित्तल ने इस बात की पुष्टि की कि 1981 के कानून के तहत मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का टैक्स राज्य सरकार की ओर से भरा गया है।

1981 से शुरू हुआ यह सिलसिला

दरअसल, यह सिलसिला साल 1981 से शुरू हुआ, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीपी सिंह थे। इसी साल उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेज ऐंड मिसलेनीअस ऐक्ट बनाया गया। इस ऐक्ट के एक सेक्शन में कहा गया है कि सभी मंत्री और राज्य मंत्रियों को पूरे कार्यकाल के दौरान प्रति माह एक हजार रुपये सैलरी मिलेगी। सभी डेप्युटी मिनिस्टर्स को प्रतिमाह 650 रुपये मिलेंगे। इस एक्ट में उल्लेखित है कि वेतन टैक्स देनदारी से अलग है और टैक्स का भार राज्य सरकार उठाएगी।'

रिपोर्ट्स के मुताबिक जब यह बिल विधानसभा से कराया जा रहा था तब वीपी सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इनकम टैक्स का बोझ उठाए, क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब हैं और उनकी आमदनी बहुत कम है। 1981 से यूपी में 19 मुख्यमंत्री बदले गए। हालांकि तब से लेकर आज तक इस ऐक्ट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सवाल उठता है कि क्या इस कानून को बदलने की आवश्यकता है?

Web Title: Chief Minister and ministers in UP Taxes are paid from government treasuries since 1981.

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