नई दिल्लीः पंजाब ,राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार के नेतृत्व को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच छिड़ी जंग आज राहुल के दरबार में पहुँच गयी।
सूत्रों के अनुसार राहुल ने दोनों नेताओं से चर्चा कर फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है, लेकिन प्राप्त खबरों के अनुसार पार्टी नेतृत्व का कोई इरादा भूपेश बघेल को हटाने का नहीं है। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने राहुल को भरोसा दिया कि पार्टी नेतृत्व जो फैसला करेगा वह मान्य होगा।
इससे पूर्व टीएस सिंह देव ने राहुल को याद दिलाया कि सरकार के गठन के समय बघेल और सिंहदेव को ढाई -ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला निर्धारित किया गया था, जिस पर अमल का समय आ गया है। दूसरी तरफ बघेल का तर्क था कि ऐसा कोई फार्मूला बना ही नहीं था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल सोनिया गांधी से चर्चा के बाद ही नेतृत्व के मुद्दे पर कोई निर्णय सार्वजनिक करेंगे, लेकिन जो संकेत मिले हैं उनके अनुसार पार्टी आलाकमान का कोई इरादा बघेल को हटाने का नहीं है।
दूसरी तरफ टी एस सिंह देव को मनाने और कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियां देने पर विचार किया जा रहा है। पार्टी के प्रभारी पीएल पुनिया ने नेतृत्व के सवाल पर मुलाक़ात के दौरान किसी प्रकार की चर्चा से इंकार करते हुए बताया की पार्टी कार्यक्रमों और उनके अमल पर चर्चा की गई, नेतृत्व जैसा मुद्दा बातचीत में उठा ही नहीं। उल्लेखनीय है कि चर्चा के दौरान पुनिया भी मौजूद थे।
पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।