चेन्नई: 30 साल से चल रहा था जाली दस्तावेज से "असली" पासपोर्ट बनाने का रैकेट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 14, 2018 05:22 PM2018-07-14T17:22:51+5:302018-07-14T17:22:51+5:30
चेन्नई में फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनाने का गिरोह का भंडाफोड़ हो गया है। यह गिरोह पिछले तीन दशक से असली तरीके से फर्जी पासपोर्ट बनाने का काम कर रहा था।
चेन्नई, 14 जुलाई: चेन्नई में फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनाने का गिरोह का भंडाफोड़ हो गया है। बताया जा रहा है कि यह गिरोह पिछले तीन दशक से असली तरीके से फर्जी पासपोर्ट बनाने का काम कर रहा था। यह खुलासा चेन्नई पुलिस के अपराध साखा के खुफिया विभाग ने किया है। इसमें लगभग 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। खबरों के मुताबिक यह गिरोह विदेशियों का पासपोर्ट भारतीय नागरिक के तौर पर बनवाता था।
गिरोह इन्हें करता था टारगेट
यह गिरोह विदेशी नागरिक, खासकर शरणार्थी शिविरों में श्रीलंका के तमिल्स त्रिपलीकेन, अन्ना नगर और वेलाचेरी के लोगों को संपर्क करता था और 5 लाख रुपये तक डील फिक्स करता था। इसके बाद गिरोह फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड के सहारे बैंक अकाउंट और आधार कार्ड भी बनवाते थे।
इनका एक एजेंड होता था जो पासपोर्ट के लिए अप्लाई करता था। इसके बाद अप्लाई कर्ताओं का पासपोर्ट केन्द्र पर पर्सनल इंटरव्यू होता था। खबरों के मुताबिक गिरोह इमिग्रेशन अधिकारियों, खुफिया पुलिस अधिकारियों को नए पासपोर्ट के लिए घूस देता था।
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इस मामले को लेकर पुलिस पहले भी गिरफ्तारी कर चुका है। जिसमें 40 वर्षीय एक सीआरपीएफ जवान आर क्रिस्टफर और 41 वर्षीय एस मणिवन्नन जैसे लोग भी शामिल थे। खबरों के मुताबिक क्रिस्टफर चेन्नै एयरपोर्ट के काउंटर ऑफिस में 6 माह से तैनात था, वहीं मणिवन्नन एयरपोर्ट के प्रशासनिक ऑफिस में अस्थायी चपरासी के तौर पर कार्यरत था।
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