चौधरी अजित सिंह नहीं रहे, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक

By भाषा | Updated: May 6, 2021 22:34 IST2021-05-06T22:34:33+5:302021-05-06T22:34:33+5:30

Chaudhary Ajit Singh is no more, many leaders including President, Vice President, Prime Minister expressed grief | चौधरी अजित सिंह नहीं रहे, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक

चौधरी अजित सिंह नहीं रहे, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक

नयी दिल्ली, छह मई पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का बृहस्पतिवार को गुरुग्राम में कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। वह 82 साल के थे।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र एवं प्रमुख किसान नेता अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

उनके बेटे एवं मथुरा के पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अपने पिता की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘चौधरी अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने आखिर तक इस महामारी से मुकाबला किया और आज सुबह, छह मई 2021 को आखिरी सांस ली।’’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अजित सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सूत्रों के मुताबिक, अजित सिंह को 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और बृहस्पतिवार की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।

उन्होंने बताया कि करीब एक बजे गुरुग्राम के मदनपुरी में विद्युत शवदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया और कोरोना वायरस पाबंदियों की वजह से इस मौके पर उनके बेटे जयंत चौधरी, बड़े दामाद और कुछ अन्य रिश्तेदार मौजूद थे।

परिवार की ओर से संदेश में जयंत ने कहा, ‘‘ अपने पूरे जीवनकाल में चौधरी साहब को आपका भरपूर प्यार और सम्मान मिला। आप सभी के साथ यह संबंध उनके लिए प्रिय थे और उन्होंने आपके कल्याण के बारे में हमेशा सोचा और कोशिश की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा देश भयावह महामारी से गुजर रहा है। इसलिए मेरा उन सभी से अनुरोध है जो उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने को इच्छुक हैं, कृपया अपने घरों में रहें। हम सभी सुरक्षा नियमों का अनुपालन करें ताकि हम खुद और आसपास के सभी लोग स्वस्थ और सुरक्षित रहें। यह चौधरी साहब के प्रति बेहतरीन सम्मान होगा और साथ-साथ कोरोना योद्धाओं के लिए भी, जो दिन रात हमारी रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।’’

जयंत ने कहा, ‘‘हम उन सभी परिवारों को सांत्वना देने के लिए प्रार्थना करते हैं जो इस क्रूर बीमारी से प्रभावित हुए हैं।’’

सूत्रों के मुताबिक, अजित सिंह की पोती भी कोरोना से संक्रमित हो गई थी लेकिन बाद में वह स्वस्थ हो गई।

उत्तर प्रदेश के मेरठ में 12 फरवरी 1939 को जन्में सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई और उसके बाद अमेरिका के शिकागो स्थित इलिनॉयस प्रौद्योगिकी संस्थान से शिक्षा हासिल की। वह पेशे से कम्प्यूटर वैज्ञानिक थे और उन्होंने अमेरिका में 15 सालों तक नौकरी भी की।

उन्होंने 1980 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और 1986 में राज्यसभा के जरिये पहली बार संसद पहुंचे।

वह छह बार लोकसभा के सदस्य रहे और विभिन्न सरकारों में उद्योग और नागरिक उड्डयन सहित कई अन्य मंत्रालयों का जिम्मा संभाला।

अजित सिंह की गिनती उत्तर भारत के प्रमुख जाट और किसान नेताओं में होती थी। उनके पार्टी राष्ट्रीय लोक दल का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासा प्रभाव माना जाता रहा है। हालांकि 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को तगड़ा झटका लगा था। खुद सिंह बागपत से चुनाव हार गए थे।

सिंह के निधन से पश्चिम उत्तर प्रदेश में उनकी पकड़ वाले क्षेत्रों में उनके समर्थकों के बीच शोक की लहर दौड़ गयी। बागपत, मुजफ्फरनगर, कासगंज ,शामली, मेरठ आदि क्षेत्रों में रालोद कायर्कताओं के पास संदेश और फोन कॉल आने लगे।

राष्ट्रपति भवन ने रामनाथ कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन की सूचना से दुख‌ हुआ। उन्होंने किसानों के हित में हमेशा आवाज उठायी।’’

उन्होंने कहा ‘‘जनप्रतिनिधि एवं मंत्री के रूप में उन्होंने (सिंह ने) देश की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं ।’’

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ राजनेता चौधरी अजित सिंह के असामयिक निधन का समाचार पा कर दुखी हूं। कृषि और कृषकों की प्रगति में आपका योगदान सदैव आदरपूर्वक याद किया जाएगा। शोक की इस घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उनके परिजनों व सहयोगियों के साथ हैं। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वह हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।’’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अजित सिंह के रूप में देश ने एक लोकप्रिय किसान-मजदूर नेता खो दिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी प्रमुख आखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन पर दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजित सिंह जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। उनके परिवार व प्रियजनों को मेरी संवेदनाएं।’’

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने कहा, ‘‘लोकप्रिय नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री व किसान हितैषी नेता चौधरी अजित सिंह जी के निधन की दुखद खबर मिली। चौधरी साहब के निधन से समाज एवं राजनीति को अपूर्णीय क्षति हुई है।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जयंत चौधरी व रालोद साथियों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं। ईश्वर चौधरी साहब को श्रीचरणों में स्थान दें।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और किसान नेता चौधरी अजित सिंह जी के निधन की बेहद दुखद खबर मिली है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है।’’

संयुक्त किसान मोर्चा ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि अजित सिंह ने किसानों के दर्द को सदैव मुख्य धारा की राजनीति में रखा।

विभिन्न किसान संगठनों का यह महागठबंधन केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरूद्ध किसानों की आंदोलन की अगुवाई कर रहा है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब वह जिंदा थे तब हर किसान आश्वस्त रहता था कि दिल्ली में उसका एक घर है।

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