वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि शिमला का नाम बदल कर ‘श्यामला’ करने का कोई प्रयास ‘बेतुका और पूरी तरह से अस्वीकार्य’ होगा।
उन्होंने कहा कि शिमला औपनिवेशिक काल के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी थी और स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है और इस कारण से शहर का नाम बदलना अनुचित होगा।
शहर का नाम बदल कर श्यामला करने के लिए कुछ दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के एक अभियान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘यह बेतुका और पूरी तरह अस्वीकार्य’ है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शिमला की स्वतंत्रता संग्राम में समृद्ध विरासत है क्योंकि यह औपनिवेशिक काल के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी थी और ब्रिटेन ने इसे स्थापित किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके नाम में किसी बदलाव को उचित ठहराने के लिए कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है।’’
हिमाचल भाजपा नेता और राज्य स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा था कि अगर लोग इस तरह का एक बदलाव चाहते हैं तो राज्य सरकार शिमला का नया नाम श्यामला करने के एक प्रस्ताव पर विचार कर सकती है।