Chandrayaan 3 Rover Findings: रोवर 'प्रज्ञान' ने फिर से ली तस्वीरें, चंद्र क्षेत्र में सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 31, 2023 01:47 PM2023-08-31T13:47:18+5:302023-08-31T14:59:59+5:30
Chandrayaan 3 Rover Findings: चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' पर लगे अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप (एपीएक्सएस) उपकरण ने गंधक और अन्य छोटे तत्वों का पता लगाया है।
Chandrayaan 3 Rover Findings: इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के रोवर 'प्रज्ञान' पर लगे एक अन्य उपकरण ने भी चंद्र क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की है। चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' पर लगे अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप (एपीएक्सएस) उपकरण ने गंधक और अन्य छोटे तत्वों का पता लगाया है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 31, 2023
The rover was rotated in search of a safe route. The rotation was captured by a Lander Imager Camera.
It feels as though a child is playfully frolicking in the yards of Chandamama, while the mother watches affectionately.
Isn't it?🙂 pic.twitter.com/w5FwFZzDMp
चंद्रयान-3 मिशन के ‘प्रज्ञान’ रोवर ने ‘विक्रम’ लैंडर की एक तस्वीर खींची। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। इसरो द्वारा साझा की गई तस्वीर रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा (नैवकैम) द्वारा ली गई है। अंतरिक्ष एजेंसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘स्माइल प्लीज (कृपया मुस्कराएं)। प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर खींची।’’
चंद्रयान-3 मिशन के लिए नैवकैम्स को इसरो की इकाई ‘इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लैबोरैटरी’ (एलईओएस) द्वारा विकसित किया गया है। लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) तक कार्य करने के लिए विकसित किया गया है। इस सप्ताह की शुरुआत में, इसरो ने विक्रम के साथ लगे चेस्ट उपकरण का पहला अवलोकन जारी किया था।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 31, 2023
In-situ Scientific Experiments
Another instrument onboard the Rover confirms the presence of Sulphur (S) in the region, through another technique.
The Alpha Particle X-ray Spectroscope (APXS) has detected S, as well as other minor elements.
This… pic.twitter.com/lkZtz7IVSY
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के रोवर 'प्रज्ञान' पर लगे एक अन्य उपकरण ने भी एक अलग तकनीक का उपयोग करके चंद्र क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एपीएक्सएस) नामक उपकरण ने चंद्रमा पर गंधक के साथ-साथ अन्य छोटे तत्वों का भी पता लगाया है।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘चंद्रयान-3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में गंधक (एस) के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए विवश करती है: आंतरिक?, ज्वालामुखीय?, उल्कापिंड?,......?’’ इसरो ने सुरक्षित रास्ते की तलाश में घूमते रोवर का एक वीडियो भी जारी किया। इस घूर्णन प्रक्रिया का वीडियो लैंडर इमेजर कैमरे ने बनाया।’’
इसने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘ऐसा महसूस होता है मानो एक बच्चा चंदामामा के आँगन में अठखेलियाँ कर रहा है, जबकि माँ स्नेहपूर्वक देख रही है।’’ इसरो ने चुटकी लेते हुए पूछा, ‘‘है ना?" अंतरिक्ष एजेंसी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें 18 सेमी लंबे एपीएक्सएस को घुमाते हुए एक स्वचालित तंत्र दिखता है, जो डिटेक्टर हेड को चंद्र सतह के करीब पांच सेंटीमीटर की दूरी पर संरेखित करता है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 30, 2023
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE
छब्बीस किलोग्रम वजनी, छह पहियों वाला, सौर ऊर्जा से संचालित ‘प्रज्ञान’ रोवर अपने वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके यह पता लगाने का काम कर रहा है कि दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानें किस चीज से बनी हैं।
इसरो ने एक बयान में कहा कि एपीएक्सएस उपकरण चंद्रमा जैसे कम वायुमंडल वाले ग्रहीय पिंडों की सतह पर मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना के वास्तविक विश्लेषण के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इसमें रेडियोधर्मी स्रोत होते हैं जो सतह के नमूने पर अल्फा कण और एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं।
नमूने में मौजूद परमाणु बदले में मौजूद तत्वों के अनुरूप विशिष्ट एक्स-रे रेखाएं उत्सर्जित करते हैं। इन विशिष्ट एक्स-रे की ऊर्जा और तीव्रता को मापकर, अनुसंधानकर्ता मौजूद तत्वों और उनकी प्रचुरता का पता लगा सकते हैं।
एपीएक्सएस के अवलोकनों ने एल्युमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम और लौह जैसे प्रमुख अपेक्षित तत्वों के अलावा, गंधक समेत दिलचस्प छोटे तत्वों की मौजूदगी की खोज की है। रोवर पर लगा ‘लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) उपकरण पहले ही गंधक की मौजूदगी की पुष्टि कर चुका है। इन अवलोकनों का विस्तृत वैज्ञानिक विश्लेषण प्रगति पर है।