चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर की मौजूदगी; चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने की पुष्टि, इन तत्वों का भी पता लगा

By अनिल शर्मा | Published: August 30, 2023 07:22 AM2023-08-30T07:22:31+5:302023-08-30T07:37:06+5:30

रोवर पर लगे इस पेलोड के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर के अलावा ऑक्सीजन और अन्य तत्वों की मौजूदगी की भी पुष्टि हुई है। वहीं सतह पर हाइड्रोजन की खोज जारी है।

chandrayaan-3 pragyan rover confirms presence of sulfur in moon south pole | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर की मौजूदगी; चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने की पुष्टि, इन तत्वों का भी पता लगा

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सल्फर की मौजूदगी; चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने की पुष्टि, इन तत्वों का भी पता लगा

Highlightsप्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर के अलावा ऑक्सीजन, मैंगनीज, सिलिकॉन समेत कई तत्व पाए गए।चंद्रयान 3 के रोवर पर लगे 'लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप' (LIBS) ने इसकी खोज की।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार एक और बड़ी उपलब्धि की जानकारी अपने X (ट्विटर) पर दी। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर पर लगे लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) इंस्ट्रूमेंट ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है।

यही नहीं रोवर पर लगे इस पेलोड के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर के अलावा ऑक्सीजन और अन्य तत्वों की मौजूदगी की भी पुष्टि हुई है। वहीं सतह पर हाइड्रोजन की खोज जारी है। इसरो ने बताया है कि एलआईबीएस नामक यह पेलोड बेंगलुरु स्थित इसरो की प्रयोगशाला इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस) में विकसित किया गया है।

इसरो ने X पर लिखा- ''इन-सीटू (यथास्थान) वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं... पहली बार इन-सीटू मेजरमेंट्स के जरिये रोवर पर लगा उपकरण 'लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप' (LIBS) स्पष्ट रूप से दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह में सल्फर (S) की मौजूदगी की पुष्टि करता है। उम्मीद के अनुसार Al, Ca, Fe, Cr, Ti, Mn, Si, और O (ऑक्सीजन) का पता चला है। हाइड्रोजन (H) की खोज जारी है।''

क्या क्या मिला?

सल्फर (S) के अलावा एल्युमीनियम (Al),  कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr) और टाइटेनियम (Ti) की मौजूदगी का पता चला है और आगे के मेजरमेंट्स से मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) की उपस्थिति का पता चला है।

इसरो ने कहा कि एलआईबीएस एक ऐसी वैज्ञानिक तकनीक है, जो सामग्रियों को तीव्र लेजर पल्स के संपर्क में लाकर उनकी संरचना का विश्लेषण करती है। चट्टान या मिट्टी जैसी किसी सामग्री की सतह पर हाई एनर्जी लेजर पल्स केंद्रित होती हैं। लेजर पल्स के कारण एक अत्यंत गर्म और स्थानीय प्लाज्मा उत्पन्न होता है। इसी के विश्लेषण से मैटेरियल की मौलिक संरचना जैसी जानकारी निर्धारित की जाती है।

Web Title: chandrayaan-3 pragyan rover confirms presence of sulfur in moon south pole

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