लाइव न्यूज़ :

चंद्रयान-1 के डेटा से मिली बड़ी जानकारी, चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की संभावना और बढ़ी, पृथ्वी के इलेक्ट्रॉन कर रहे हैं ये काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2023 4:44 PM

‘चंद्रयान-1’ से मिले रिमोट सेंसिंग डेटा का विश्लेषण कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी के उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन संभवत: चंद्रमा पर जल बना रहे हैं। ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉन संभवत: चंद्रमा पर जल के निर्माण में सहायता कर सकते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देभारत के पहले चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-1’ से मिली महत्वपूर्ण जानकारीपृथ्वी के उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन संभवत: चंद्रमा पर जल बना रहे हैं‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित शोध में बताया गया

नई दिल्ली: भारत के पहले चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-1’ से मिले रिमोट सेंसिंग डेटा का विश्लेषण कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी के उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन संभवत: चंद्रमा पर जल बना रहे हैं। अमेरिका के हवाई ‍विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व वाली एक टीम ने पाया है कि पृथ्वी के प्लाज्मा आवरण में मौजूद ये इलेक्ट्रॉन चंद्रमा की सतह पर मौसमी प्रक्रिया में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिनमें चट्टान और खनिजों का टूटना या विघटित होना शामिल है।

‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉन संभवत: चंद्रमा पर जल के निर्माण में सहायता कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि चंद्रमा पर जल की सांद्रता को जानना इसके बनने और विकास को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भविष्य में मानव अन्वेषण के लिए जल संसाधन उपलब्ध कराने के लिहाज से भी अहम है। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर जल के कणों की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

वर्ष 2008 में शुरू किया गया यह मिशन भारत का पहला चंद्रमा मिशन था। यूएच मनोआ स्कूल ऑफ ओशन के सहायक शोधकर्ता शुआई ली ने कहा, "यह चंद्रमा सतह के पानी की निर्माण प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला उपलब्ध करता है।" ली ने कहा, "जब चंद्रमा मैग्नेटोटेल के बाहर होता है, तो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा का दबाव होता है। मैग्नेटोटेल के अंदर, लगभग कोई सौर पवन प्रोटॉन नहीं हैं और पानी का निर्माण लगभग नहीं होने की उम्मीद थी।"

मैग्नेटोटेल एक ऐसा क्षेत्र है जो चंद्रमा को सौर हवा से लगभग पूरी तरह से बचाता है, लेकिन सूर्य के प्रकाश फोटॉन से नहीं। शुआई ली और उनके साथ शामिल हुए लेखकों ने 2008 और 2009 के बीच भारत के चंद्रयान 1 मिशन पर एक इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर, मून मिनरलॉजी मैपर डिवाइस द्वारा इकट्ठे किए गए रिमोट सेंसिंग डेटा का विश्लेषण किया है। ली ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य हुआ, रिमोट सेंसिंग अवलोकनों से पता चला कि पृथ्वी के मैग्नेटोटेल में पानी का निर्माण लगभग उस समय के समान है जब चंद्रमा पृथ्वी के मैग्नेटोटेल के बाहर था।’’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘चंद्रयान 1’ को अक्टूबर 2008 में प्रक्षेपित किया था, और अगस्त 2009 तक संचालित किया गया था। मिशन में एक ऑर्बिटर और एक इम्पैक्टर शामिल था।

बता दें कि इसके बाद भारत दो और मिशन भेज चुका है। चंद्रयान -2 आंशिक रूप से सफल हुआ था। इसके बात जुलाई 2023 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 ने शानदार सफलता हासिल की थी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पिछले महीने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद भारत वहां पहुंच गया जहां पहले कोई देश नहीं पहुंचा है। अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ 23 अगस्त की शाम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। 

(इनपुट- भाषा)

टॅग्स :चंद्रयानइसरोचंद्रमाचंद्रयान-3
Open in App

संबंधित खबरें

भारतISRO को मिली कामयाबी, 3-D रॉकेट इंजन का किया सफल परीक्षण, मिशन पर क्यों है कारगर, यहां पढ़ें

विश्वनासा का 'आर्टेमिस III' चंद्रमा पर पौधों की खेती का लगाएगा पता: जानिए इस मिशन के बारे में सबकुछ

भारत'भारत का लक्ष्य 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन हासिल करना है', आईएडीसी वार्षिक सम्मेलन में बोले इसरो प्रमुख सोमनाथ

पूजा पाठEid-ul-Fitr 2024 Date: भारत में कब दीदार होगा चांद? जानें ईद-उल-फितर की सही तारीख

भारतकोडाइकनाल सौर वेधशाला की 125वीं वर्षगांठ, इसरो के पूर्व अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने केएसओ 125 लोगो का अनावरण किया

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: पांचवें चरण में 20% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले, एडीआर की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

भारतLok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना में किया रोड शो, उमड़ पड़ा लोगों का हुजूम

भारतPM Narendra Modi Interview: अगर भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी!, विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है, ऐसा क्यों?

भारतLok Sabha Polls Fourth Phase Voting 2024: कल 96 लोकसभा सीट, आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीट के लिए मतदान

भारतUP LS Elections 2024: चंद घंटे पहले सपा में आए और टिकट पा गए भाजपा के एमपी रमेश बिंद, ऑपरेशन रमेश बिंद की अखिलेश यादव ने नहीं लगने दी किसी को हवा