नई दिल्ली, 22 मार्च; केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद की एक समिति को जानकारी दी कि पिछले छह सालों में पैरामिलिट्री फोर्स में 700 जवानों ने आत्महत्या की। लोकसभा में पेश इस रिपोर्ट के मुताबिक जवानों के आत्महत्या करने के पीछे की वजह अकेलापन, ठहराव का अभाव और घरेलू परेशानियां हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी, पिछले छह वर्षो में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के करीब 700 कर्मियों ने आत्महत्या कर ली है। इसके अलावा अर्द्ध सैनिक बलों में करीब 9000 जवान प्रति वर्ष अपनी इच्छानुसार सेवानिवृति हो रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इन बीते छह सालों का पूरा ब्यौरा नहीं दिया। लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि सीआरपीएफ में 2012 के बाद 189 कर्मियों ने आत्महत्या की। वहीं, बीएसएफ में साल 2001 के बाद से 529 जवानों सुसाइड की।
- साल 2012 के बाद से कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ के 175 जवानों ने आत्महत्या की।
- 2006 में आईटीबीपी के 62 कर्मियों ने आत्महत्या की।
- साल 2013 के बाद से सशस्त्र सीमा बल के 32 जवानों ने आत्महत्या की।
- साल 2014 के बाद से असम राइफल्स के 27 कर्मियों ने आत्महत्या की। कार्रवाई के वक्त 33 जवान शहीद हुए।