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केंद्र सरकार का फैसलाः जम्मू-कश्मीर से 10,000 जवानों की तत्काल वापसी का आदेश, जानिए मामला

By भाषा | Updated: August 19, 2020 20:51 IST

पहली बार इतनी बड़ी संख्या में उनकी वापसी हो रही है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती की समीक्षा की, जिसके बाद फैसला लिया गया।

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ठळक मुद्देगृह मंत्रालय ने इससे पहले मई में केंद्रशासित प्रदेश से सीएपीएफ की करीब 10 कंपनियों को वापस बुलाया था।दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजने का बंदोबस्त करने को कहा गया है। सीएपीएफ की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं। पिछले साल भेजी गयी इन इकाइयों को पूरी तरह जरूरी आराम देकर और प्रशिक्षण प्रदान कर वापस भेजा जा सकता है।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से अर्द्धसैनिक बलों के करीब 10,000 जवानों की तत्काल वापसी का आदेश दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद अतिरिक्त जवानों को वहां भेजा गया था। तब से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में उनकी वापसी हो रही है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती की समीक्षा की, जिसके बाद फैसला लिया गया।

गृह मंत्रालय ने इससे पहले मई में केंद्रशासित प्रदेश से सीएपीएफ की करीब 10 कंपनियों को वापस बुलाया था। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में 72 ऐसी इकाइयों को वापस बुलाया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बुधवार को सीएपीएफ की कुल 100 कंपनियों की तत्काल वापसी का आदेश दिया गया है और उन्हें देश में उनके बेस में भेजने को कहा गया है।

निर्देशों के अनुसार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कुल 40 कंपनियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 20-20 कंपनियों को इस सप्ताह तक जम्मू कश्मीर से वापस बुलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ से इन इकाइयों को हवाई मार्ग से दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजने का बंदोबस्त करने को कहा गया है। सीएपीएफ की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं। सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जिन इकाइयों को वापस बुलाया जा रहा है, वे जम्मू और श्रीनगर दोनों जगह तैनात हैं। ऐसा महसूस किया गया कि केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद और उग्रवाद निरोधक तंत्र पूरी तरह मजबूत है और पिछले साल भेजी गयी इन इकाइयों को पूरी तरह जरूरी आराम देकर और प्रशिक्षण प्रदान कर वापस भेजा जा सकता है।’’ 

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