केंद्र ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को न्यूयॉर्क जाने की मंजूरी दी, कोलंबिया इंडिया एनर्जी डायलॉग में हिस्सा लेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2023 09:56 PM2023-09-15T21:56:24+5:302023-09-15T21:57:35+5:30
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को सूचित किया कि मामले के विशिष्ट परिस्थितियों में राय की यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी दी गई है, लेकिन इसे एक मिसाल नहीं बनाया जाना चाहिए और यह आदेश इसी मामले तक सीमित रहना चाहिए।
नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को ‘कोलंबिया इंडिया एनर्जी डायलॉग’ में भाग लेने के लिए 15 से 21 सितंबर तक न्यूयॉर्क की यात्रा करने की राजनीतिक मंजूरी दे दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को सूचित किया कि मामले के विशिष्ट परिस्थितियों में राय की यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी दी गई है, लेकिन इसे एक मिसाल नहीं बनाया जाना चाहिए और यह आदेश इसी मामले तक सीमित रहना चाहिए।
विधि अधिकारी द्वारा प्रस्तुत दलील को दर्ज करते हुए उच्च न्यायालय ने राय की याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें कार्यक्रम के लिए विदेश यात्रा की खातिर राजनीतिक मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था। केंद्र दिन के पहले भाग में यह मामला उठाए जाने के दौरान याचिकाकर्ता को मंजूरी देने के खिलाफ था लेकिन दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में उसने अदालत को घटनाक्रम के बारे में सूचित किया।
राय ने 18 सितंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 15 से 21 सितंबर तक अमेरिकी शहर की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी, जहां उन्हें एक वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। विदेश मंत्रालय ने अपने 12 सितंबर के पत्र में कहा था कि उसने प्रस्ताव की जांच की है और राजनीतिक मंजूरी से इनकार कर दिया है क्योंकि “एनसीटी दिल्ली सरकार की ओर से यात्रा उचित नहीं होगी क्योंकि श्री सुमन कुमार बेरी, उपाध्यक्ष, नीति आयोग (मंत्रिस्तरीय-रैंक) द्वारा कोलंबिया-इंडिया एनर्जी डायलॉग में भारत का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है।”
राय का प्रतिनिधित्व दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी और अधिवक्ता अरुण पंवार ने किया। उन्होंने याचिका में कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने के उनके आधिकारिक अनुरोध को “मनमाने और दुर्भावनापूर्ण” कारण बताते हुए खारिज कर दिया गया था। याचिका में कहा गया, “यह निमंत्रण विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले अलग-अलग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट है और इसका इरादा केवल देश के औपचारिक प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधियों तक सीमित करने का नहीं है, इसलिए यहां ऊपर उद्धृत कारण कुछ और नहीं बल्कि सत्ता की शक्ति का एक प्रदर्शन है और तदनुसार कानून की नजर में खराब है।”
सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उनका याचिकाकर्ता से अनुरोध है कि “जब भी हममें से कोई भारत से बाहर जाता है, और यह मेरा अनुरोध है और भारत सरकार का अनुरोध नहीं है, हम राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं...हमारे राजनीतिक विचार और विचारधाराएं भिन्न हो सकती हैं लेकिन हम अपने देश की बाहर आलोचना नहीं कर सकते।”
इस पर न्यायाधीश ने कहा, “देश के अंदर हम भले ही बंटे हुए हों लेकिन बाहर हम एकजुट हैं।” सरकार के विधि अधिकारी विभिन्न मुद्दों पर शहर की आप सरकार और केंद्र के बीच चल रहे विवाद का जिक्र कर रहे थे। त्रिपाठी ने अदालत और विधि अधिकारी को आश्वासन दिया कि ऐसा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा, “निश्चिंत रहें... हम देश के अंदर भी विभाजित नहीं हैं।”