चंडीगढ़ः खालिस्तानी उग्रवादी व ‘वारिस दे पंजाब’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह का पंजाब पुलिस ने एक सीसीटीव फुटेज सार्वजनिक किया है जिसमें वह हरियाणा में उसे पनाह देनेवाली महिला के घर से निकलता दिख रहा है। फुटेज में भगोड़ा अमृतपाल घर के बाहर छाते से अपना चेहरा छिपाता दिख रहा है। गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है जिसने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अमृतपाल और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को पनाह दी थी। दोनों 19 मार्च को महिला के घर रुके थे जिसकी पहचान बलजीत कौर के रूप में हुई है।
महिला के घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल अपना चेहरा एक छाते से छुपाते हुए चला जा रहा है। वह सफेद शर्ट और गहरे नीले रंग की जींस पहन रखी है। अमृतपाल ने छाते का इस्तेमाल सिर्फ अपना चेहरा छिपाने के लिए किया। क्योंकि उस वक्त न तो तेज धूप खिली थी और न ही बारिश हो रही है।
कुरुक्षेत्र के पुलिस प्रमुख पुलिस सिंह भोरिया ने कहा, "हमने रविवार को शाहाबाद में अपने घर में अमृतपाल और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को शरण देने वाली महिला बलजीत कौर को गिरफ्तार कर लिया है। उसे पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है।" अमृतपाल पंजाब पुलिस से छिपते और बचते हुए हरियाणा में महिला के घर पहुंचा था। उसने वहां पूरी रात बिताई। महिला ने पुलिस को बताया कि अमृतपाल, पापलप्रीत नाम के एक अन्य सहयोगी के साथ आया था।
उधर, ‘वारिस दे पंजाब’ के प्रमुख एवं अलगाववादी अमृतपाल सिंह के एक और कथित सहयोगी को राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के साथ मंगलवार को तिलक विहार से बीमा एजेंट अमित सिंह को गिरफ्तार किया। अमृतपाल पंजाब पुलिस द्वारा उसके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद से फरार है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने अमृतसर के पास अजनाला पुलिस थाने पर हुए हमले के बाद अमृतपाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। पुलिस का कहना है कि अमृतपाल का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं। उसके खिलाफ एक लुकआउट नोटिस और गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है।
खालिस्तान आतंकी अमृतपाल सिंह ने पिछले महीने पंजाब के अमृतसर शहर के बाहरी इलाके अजनाला में अपने समर्थकों के साथ थाने पर हमला किया था और पुलिस पर तलवारों-बंदूकों से हमला किया था। हिंसक अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया था और अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस कर एक सहयोगियों को छुड़ाने के लिए पुलिस से भिड़ गए थे।