CBSE Results 2018: अभिभावक कैसे करें अपने बच्चों को असफलता से उबरने में मदद
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 26, 2018 08:25 AM2018-05-26T08:25:06+5:302018-05-26T08:25:06+5:30
12th Results 2018 CBSE Board: आज 10 बजे सीबीएसई 12वीं के बोर्ड एग्जाम का परिणाम आ सकता है. असफलता कभी भी जीवन का अंत नहीं होता है, यह अभिभावक की जिम्मेदारी की अपने बच्चे को कैसे बोर्ड में असफल होने पर मदद करें और इस स्ट्रेस से बाहर उबारे।
दिल्ली, 26 मई, आज 10 बजे सीबीएसई 12वीं रिजल्ट 2018 (CBSE 12th Results 2018 / CBSE Class 12th Result 2018) की घोषणा सीबीएसई की ऑफिसियल वेबसाइट cbse.nic.in और cbseresults.nic.in पर हो जायेगा। हर एग्जाम छात्रों के लिए सफलता और असफलता दोनों लेकर आता है। जिन छात्रों को बोर्ड एग्जाम में सफलता नहीं मिल पायी। उनको निराश होने की कोई ज़रुरत नहीं है। सीबीएसई बोर्ड एग्जाम रिज़ल्ट (CBSE Board Exam Result) जीवन की लड़ाई नहीं है जिसमें हार और जीत का संबंध आपके जीवन से है।
बतौर अभिभावक यह हमारी जिम्मेदारी है की हम अपने बच्चों को इस असफलता की स्ट्रेस से उबरने में मदद करें। अपने बच्चों को प्रेरित करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है -
1. अपने बच्चों से अपनी अपेक्षा की बात बार - बार ना करें: सीबीएसई बोर्ड एग्जाम रिजल्ट (CBSE Board Exam Result) के घोषित होने के बाद कोई भी इस सीबीएसई रिज़ल्ट (CBSE Result / CBSE Board Result) को बदल नहीं सकता है इसलिए कभी भी रिजल्ट्स के बाद आप आपने बच्चों को यह ना बताए कि आपकी उनसे क्या अपेक्षा थी और और कैसे उस अपेक्षा पर खरा उतरा जा सकता था. बस शांत रहिये और उनको शांत करने में मदद करते रहिये|
2. नैतिक समर्थन: कभी भी बच्चो को एग्जाम के लिए प्रेशर ना दें. उनको यह बताए रहे कि उनको बस म्हणत करना है चाहे उसके बाद परिणाम जो भी हो, आप उसको ख़ुशी खुसी अपना लेंगे।
3. कभी भी किसी और से तुलना ना करें: यह हर अभिभावक की गलती है वो अपने बच्चों की तुलना हमेशा किसी और के बच्चों से करते हैं. यह बात बच्चों में हीं भावना भरती है और उनको नकारात्मक बनती है. इस व्यवहार से ज़रूर बचें।
4. सकारात्मकता को चुने: हर असफलता हमेशा के लिए नहीं रहती, थोड़ी सी कोशिश से उस असफलता को सफलता में परिवर्तित किया जा सकता है. इसलिए खुद सकारात्मक रहे और अपने बच्चो को भी असफलता की स्थिति में सकारात्मक रहने की शिक्षा दें
5. उनके साथ हमेशा खड़े रहे: याद रखें बच्चों को इस माहौल में सबसे ज्यादा ज़रुरत अपने माता - पिता की होती है. अगर आप उनके साथ खड़े नहीं रहे तो वो टूट सकते हैं.
हर असफलता, सफलता की एक नहीं इबारत होती है. कभी भी एक एग्जाम को जीवन मृत्यु का प्रश्न नहीं बना लेना चाहिए। खुद पॉज़िटिव रहिये और बच्चों को भी ऐसा माहौल दीजिये जो उनको अगली बार बेहतर करने को प्रेरित करे.