CBI घूसकांड मामले में गिरफ्तार हुए डीएसपी देवेंद्र कुमार को मिली जमानत, लेकिन कोर्ट ने रखी ये शर्त

By भाषा | Published: November 1, 2018 01:27 AM2018-11-01T01:27:58+5:302018-11-01T01:27:58+5:30

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी।

CBI VS CBI: rakesh asthana bribery case dsp devendra kumar gets bail | CBI घूसकांड मामले में गिरफ्तार हुए डीएसपी देवेंद्र कुमार को मिली जमानत, लेकिन कोर्ट ने रखी ये शर्त

CBI घूसकांड मामले में गिरफ्तार हुए डीएसपी देवेंद्र कुमार को मिली जमानत, लेकिन कोर्ट ने रखी ये शर्त

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश संतोष स्नेही मान कुमार को राहत देते हुए उनसे 50 हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम का मुचलका जमा कराने को कहा। 

सीबीआई ने की कुछ शर्ते लगाने की मांग

सीबीआई ने यह कहते हुए याचिका का विरोध नहीं किया कि सभी साक्ष्य दस्तावेजी हैं और जांच एजेंसी के कब्जे में हैं। हालांकि एजेंसी ने कुछ शर्तें लगाने की मांग की है।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को बार बार तलब कर उसे परेशान करने के आरोपों वाली प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ‘‘जांच के दौरान अब तक कुछ भी आपत्तिजनक सामने नहीं आया है।’’ 

अदालत ने आगे कहा, ‘‘यहां तक की एफआईआर में भी आरोपी (कुमार) द्वारा घूस मांगने का कोई आरोप नहीं है, न ही कोई आरोप है जिसमें कहा गया हो कि आरोपी को रकम दी गई।’’ 

‘‘मामले के तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए न्याय के हित में यह उचित लगता है कि आरोपी को जमानत दे दी जाए। जमानत याचिका मंजूर की जाती है।’’ 

कोर्ट ने कहा- डीएसपी देवेंद्र कुमार बिना पूर्व अनुमति देश छोड़कर ना जाए

अदालत ने कुमार को बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाने, सीबीआई द्वारा तलब किये जाने पर जांच में शामिल होने, गवाहों से संपर्क न करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने को कहा है।

अदालत ने कहा कि कुमार द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने पर सीबीआई जमानत रद्द करवाने के लिये अदालत आ सकती है।

अधिवक्ता राहुल त्यागी के जरिये दायर किये गए अपनी जमानत याचिका में कुमार ने अपनी हिरासत को ‘‘अवैध’’ करार देते हुए अदालत से उन्हें मुक्त करने की मांग की।

कुमार और अस्थाना ने पहले ही अपने खिलाफ दायर एफआईआर की वैधानिकता को चुनौती दी है। उनके अलावा मामले में दो कथित बिचौलिये - मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद - को भी मामले में आरोपी के तौर पर नामित किया गया है। एजेंसी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि एक अन्य मामले की जांच के दौरान कुमार ने साक्ष्यों को गढ़ने की कोशिश की थी। 

कुमार ने दावा किया था कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया और वह केंद्रीय जांच एजेंसी के दो बड़े अधिकारियों के बीच प्रतिद्वंद्विता के पीड़ित हैं। 

उन्होंने कहा कि वह मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले की जांच कर रहे थे जिसमें मौजूदा मामले में शिकायतकर्ता -सतीश बाबू सना - एक आरोपी था और सीबीआई के कई पूर्व व मौजूदा वरिष्ठ अधिकारियों का नाम भी इसमें आया था। 

कुमार ने दावा किया कि मौजूदा मामले में उनकी गिरफ्तारी कुरैशी के मामले में जांच को बाधित करने से प्रेरित है और उनके खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है। दोषी ठहराए जाने पर आरोपी को मामले में अधिकतम 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है। 

Web Title: CBI VS CBI: rakesh asthana bribery case dsp devendra kumar gets bail

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