CBI Vs CBI मामला: केंद्र सरकार को SC से बड़ा झटका, सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला किया रद्द
By स्वाति सिंह | Published: January 8, 2019 10:48 AM2019-01-08T10:48:43+5:302019-01-08T10:55:42+5:30
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के मंगलवार को अवकाश पर होने की वजह से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की अर्ज़ी पर सीजेआई का लिखा हुआ फैसला कोर्ट नंबर 12 में जस्टिस संजय किशन कौल ने पढ़कर सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने आलोक कुमार वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर मंगलवर को बहाल करते हुए उनके अधिकार वापस लेने और छुट्टी पर भेजने के केन्द्र के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने हालांकि वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच पूरी होने तक उन्हें (वर्मा को) कोई भी बड़ा निर्णय लेने से रोक दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्मा के खिलाफ आगे कोई भी निर्णय सीबीआई निदेशक का चयन एवं नियुक्ति करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा लिया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने आलोक वर्मा तथा गैर सरकारी संगठन कामन काज आदि की याचिकाओं पर सुनवाई की थी।
इस प्रकरण में हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने फैसला लिखा परंतु वह आज न्यायालय में उपस्थित नहीं थे। अत: यह फैसला न्यायमूर्ति कौल और न्यायमूर्ति जोसेफ ने सुनाया। पीठने अपने फैसले में कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति केन्द्रीय सतर्कता आयोग की जांच के नतीजों के आधार पर निर्णय लेगी। उसने कहा कि एक हफ्ते के भीतर समिति की बैठक बुलाई जाए।
पीठ ने इसके साथ ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर नियुक्ति रद्द की। न्यायालय ने केन्द्र के 23 अक्टूबर को सीबीआई प्रमुख के तौर पर वर्मा के अधिकार वापस लेने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के फैसले को रद्द कर दिया।
वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद उनके झगड़े के सार्वजनिक होने पर केन्द्र ने यह निर्णय लिया था। आलोक कुमार वर्मा का केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के रूप में दो वर्ष का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है।
(भाषा इनपुट के साथ)